अलीगढ़: अमावस्या की रात को तीन साल के बच्चे की छत से गिरकर मौत हो गयी. बच्चा 19 मई को अपनी बुआ के घर मुकुंदपुर आया हुआ था. सभी के साथ छत पर सो रहा था. परिवार के लोगों ने बच्चे को दफना दिया. घटना के तीन दिन बाद बच्चे के माता- पिता को लगा कि उसकी मौत छत से गिरकर नहीं हुई है. लड़के की चाह में बहनोई ने ही उसकी नरबलि दे दी है. बच्चे के पिता का कहना है कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में मेरा बच्चा मारा गया है. घटना में निर्दोष फंसे न और दोषी को सजा मिले. लड़के के चक्कर में मेरे बेटे की बलि दी गई. बहन मेरी निर्दोष है लेकिन बहनोई राजीव ने तांत्रिक की मदद से बच्चे की बलि दे दी है.
पुलिस हादसे की बात कर रही है लेकिन पिता की शिकायत के बाद बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया है. मामला अलीगढ़ जिला के थाना मडराक क्षेत्र का है. इगलास क्षेत्रधिकारी विशाल चौधरी ने बताया कि 19 तारीख को 3 वर्षीय बालक अपने बुआ के घर मुकुंदपुर गया था. रात्रि में छत पर सोने के दौरान नीचे गिर गया और घायल हो गया. परिजन अस्पताल ले गए.जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया. हालांकि परिजनों द्वारा दफना दिया गया, लेकिन अगले दिन बच्चे की हत्या का शक हुआ. शिकायत थाने में दी गई. घटना को लेकर पुलिस नियमानुसार कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करा रहा है . पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई प्रचलित की जाएगी.
मृत बालक के चाचा हरिओम ने बताया कि शुक्रवार की रात को ही फोन आया था कि भतीजा गिर गया है. मौके पर पहुंचे तो सांसे थम चुकी थी. अस्पताल ले गए. जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया. जब हत्या की आशंका हुई तो पुलिस में शिकायत दर्ज की है.हरिओम ने बताया कि पूजा पाठ का चक्कर है.मेरी बहन की 3 लड़कियां थी. वही चौथी संतान लड़का पाने के लिए तंत्र मंत्र भी किया था. चौथी संतान भी लड़की हुई . तांत्रिकों के चक्कर में बच्चे की बलि चढ़ाई गई है.