Kanpur News: संजीत अपहरण हत्याकांड की विभागीय जांच में तत्कालीन गोविंद नगर क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत 8 पुलिस कर्मी दोषी पाये गये हैं. उन्हें अपहरण के बाद चले ऑपरेशन में फेल होने का दोषी माना गया है, जबकि फिरौती में दिए गए नोट गायब करने, सुनवाई न करने और कार्रवाई में देरी के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी है. अब शासन की ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
बता दें, 22 जून 2020 को संजीत का नर्सिंग होम से लौटने के दौरान बर्थडे पार्टी के बहाने साथियों ने अपहरण कर लिया था. रतनलाल नगर के किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा था, जहां 26 जून की रात को हत्या करने के बाद शव बोरी में भरकर फत्तेपुर गोही स्थित लोहे वाले पुल से पांडु नदी में फेंक दिया था. मामले में पुलिस ने आठ आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. वहीं मामले पर संजीत के परिजनों ने पुलिस की जांच के अलावा तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता समेत 8 पुलिसकर्मियों पर संगीन आरोप लगाए थे.स्तुति की गई है।
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शासन ने 24 जुलाई को कानपुर में तैनात एसपी अपर्णा गुप्ता व तत्कालीन सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. वहीं, शासन ने मामले की जांच डीआईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंपी थी. हाल ही में उन पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है.
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बता दें, संजीत अपहरण हत्याकांड में तत्कालीन सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता, तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय, जनता नगर चौकी प्रभारी राजेश कुमार, एसआई योगेंद्र प्रताप, सिपाही विनोद कुमार, शिव प्रताप, दिशु भारतीय व सौरभ को जांच में दोषी पाया गया है.
(रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर)