पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) केंद्र से राज्य का ‘बकाया’ वसूलने के लिए आज से रेड रोड पर धरने पर बैठ गई हैं. इससे पहले, गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि अगर राज्य प्रशासन केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करता है तो बकाया राशि का भुगतान जल्द किया जाएगा.संयोग से मुख्यमंत्री ममता भी दो दिवसीय धरना कार्यक्रम समाप्त कर छह फरवरी को दिल्ली जा रही हैं.
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने एक वीडियो वार्ता जारी कर कहा कि बंगाल की बकाया राशि जारी की जायेगी बशर्ते केंद्र की अपेक्षाएं पूरी हों. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मामले को देख रही है. बंगाल की जनता को न्याय दिलाने के लिए जो भी करना होगा, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शीघ्र पूरा किया जायेगा. केंद्र सरकार की ओर से जो सवाल किए गये थे, उसका जवाब राज्य सरकार की ओर से आया था. वह अपने स्तर पर भी इसकी जांच कर रहे हैं. केंद्र सरकार भी देख रही है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था, इडी अधिकारियों पर हमले को लेकर भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा. कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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पिछले दो साल से तृणमूल और राज्य सरकार कह रही है कि केंद्र ने 100 दिन के काम का पैसा रोक लिया है. बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने आगे शिकायत की है कि दिल्ली ने काम पूरा होने के बाद भी ‘मोनरेगा’ श्रमिकों का वेतन रोक दिया है. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि बंगाल में भारी धांधली हुई है. नया हिसाब नहीं दिया तो केंद्र पैसा क्यों देगा ? लेकिन अब अभाव की शिकायतें 100 दिन की कार्य योजना तक ही सीमित नहीं हैं. आवास योजना, ग्राम सड़क योजना को लेकर भी तृणमूल शिकायत कर रही है.