24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘ इसमें बच्ची जैसी फीलिंग नहीं ‘, कहकर दूसरी मां ने बालगृह में रहने वाली बच्ची को बेटी मानने से किया इंकार

' यशोदा ' के मामले में अधिवक्ता विपिन चंद्र पाल आगरा में आए . जिस व्यक्ति द्वारा बच्ची पर बेटी होने का दावा किया गया था, उसकी पत्नी ने भी साफ कह दिया कि यह मेरी बेटी नहीं है.

आगरा. हाईकोर्ट के अधिवक्ता विपिन चंद्र पाल आगरा में यशोदा के मामले में दस्ती सम्मन तामील करने आए. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित थाने की पुलिस ने उन्हें इस प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया. साथ ही जो दूसरे व्यक्ति द्वारा बच्ची के ऊपर दावा किया गया था. उस व्यक्ति की पत्नी ने भी साफ कह दिया कि यह मेरी बेटी नहीं हो सकती. मुझे उसमें बेटी की फीलिंग नहीं आती. जबकि मेरी बेटी 2015 में लापता हुई थी और यह बच्ची यशोदा को 2014 में मिली थी इसमें 1 साल का अंतर है. नितिन ने बताया कि कुछ समय बाद उनको फिर से बाल गृह में बुलाया गया और कहा गया कि आपका और आपकी पत्नी का डीएनए टेस्ट होगा. जिसे बाल गृह में निरुद्ध बच्ची के डीएनए टेस्ट से मिलाया जाएगा. अगर दोनों के सैंपल मैच करते हैं तो यह बच्ची आपकी है. जिसके बाद नितिन अपनी पत्नी के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और डीएनए टेस्ट कराया. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने ₹7000 डीएनए फीस के लिए दिए.


चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट- पुलिस की ली मदद

हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रतिवादी को दस्ती सम्मन तामील करने ट्रांस यमुना कॉलोनी गए. लेकिन आसपास के लोगों ने पता बताने से इनकार कर दिया. ऐसे में अधिवक्ता ने इस मामले की हाई कोर्ट में पैरवी कर रहे चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस को बुलाया. उनके साथ पुलिस ने सहयोग लेने के थाना एत्तमादुदौला भी पहुंचे. ऐसे में उनके साथ एक सिपाही नितिन गर्ग के घर तक गया. इसके बाद अधिवक्ता ने नितिन गर्ग को दस्ती सम्मन तामील कराया और याचिका सत्यापन प्रति प्रतिवादी को दी गई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें