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Indian Air Force day: वायु सेना प्रमुख ने नए ध्वज का किया अनावरण बोले- आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे

Indian Air Force day 2023: एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है. 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायु सेना को सर्वश्रेष्ठ में से एक होना चाहिए. हमें अपने रास्ते में आने वाली सभी नई चुनौतियों का सामना करना होगा.

Indian Air Force day 2023: भारतीय वायुसेना के इतिहास में 8 अक्टूबर 2023 की तारीख हमेशा के लिए यादगार बन गई. वायु सेना के स्थापना दिवस पर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने नए वायु सेना ध्वज का अनावरण किया. उन्होंने बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर परेड की सलामी ली. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सीडीएस अनिल चौहान शामिल हुए. वायु सेना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारतीय वायु सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए हर समय तैयार है. उन्होंने कहा कि पिछले नौ दशकों में, भारतीय वायु सेना लगातार विकसित हुई है और दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक में तब्दील हो गई है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? उन्होंने कहा कि यदि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, तो 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायु सेना को सर्वश्रेष्ठ में से एक होना चाहिए. वायु सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और भारतीय वायु सेना को अपने रास्ते में आने वाली सभी नई चुनौतियों का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि मल्टी-डोमेन ऑपरेशन से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक, वायु सेना को यह पहचानने की जरूरत है कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे है. हमें युद्ध क्षेत्र पर हावी होने के लिए वायु, अंतरिक्ष, साइबर और जमीनी क्षमताओं को सहजता से एकीकृत करना होगा.

हमारे डीएनए का हिस्सा को नवाचार

वायुसेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि वायु सेना बल को उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम बनाने के लिए नवाचार हमारे डीएनए का हिस्सा होना चाहिए. हमें अपने संचालन, प्रशिक्षण, रखरखाव और प्रशासन के हर पहलू में खुद को उच्चतम मानकों पर रखना चाहिए. हमें प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए. हमें तकनीकी रूप से श्रेष्ठतम बनने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास और अधिग्रहण में निवेश करना चाहिए.

वायुसेना ने सभी हमलों में निभाई अहम भूमिका: सीडीएस अनिल चौहान

प्रयागराज बमरौली में सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि हमने देश में लड़े गए सभी युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वायु हमले किए हैं, युद्ध क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को निकाला है और सीमाओं के भीतर और बाहर मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) मिशन के माध्यम से राहत प्रदान की है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना का मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यासों में नियमित और सफल संबंधो का समृद्ध इतिहास रहा है. इसने वैश्विक वायु सेनाओं के साथ पर्याप्त रूप से अंतर-क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे हमारे निकटतम पड़ोसी क्षेत्र और विस्तारित वातावरण में भी प्रभावी ढंग से काम करने की अपनी क्षमता स्थापित हुई है.

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‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ाए कदम

सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से क्षमता विकास को प्रोत्साहित किया है. इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, भविष्य काल में युद्ध से निपटने के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षमताओं का उपयोग करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिसीजन टूल्स और सिस्टम के रूप में शक्ति बढ़ाने की क्षमता की दिशा में एक सराहनीय प्रयास किया गया है, जिसमें स्वार्म अनमैन्ड म्यूनिशन सिस्टम जैसी नवीनतम तकनीक को शामिल किया गया है, जो भारतीय वायुसेना द्वारा परिकल्पित सफल मेहर बाबा ड्रोन प्रतियोगिता का परिणाम है. सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है.

बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर परेड संपन्न

वायुसेना के स्थापना दिवस पर बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर परेड आयोजित की गई. सुबह पैरा हैड ग्लाइडर की एंट्री के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पैरा ग्लाइडर ने 360 डिग्री हवा में चक्कर लगाया. दर्शकों ने जबदस्त करतब देख तालियों से पैरा ग्लाइडर का जोरदार स्वागत किया. दो पैरा मोटर ने हवा में करतब दिखाए तो लोग अपनी शीट से खड़े हो गए. पैरा मोटर 40 किमी प्रतिघंटा की गति से हवा में चलता हुआ दर्शकों के बीच से गुजरा. दोनों पैरा मोटर हवा में दर्शकों के नजदीक आकर अभिवादन किया. लोगों की तालियों से पंडाल गूंज उठा. इसके बाद 8000 फीट की ऊंचाई से पैराट्रूपर्स कूदे और 150 किमी. प्रति घंटा की गति से नीचे आए. यह देख कर दर्शक रोमांचित हो उठे.

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भारतीय वायु सेना के नए ध्वज का अनावरण

इस मौके पर वायु सेना प्रमुख ने नए वायुसेना ध्वज का अनावरण किया. इतिहास में पीछे जाएं, तो आरआईएएफ ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था. स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय ट्राई कलर और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था. भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करने के लिए, अब एक नया आईएएफ ध्वज बनाया गया है. अब एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल करने से प्रतिबिंबित होगा.

बेहद खास है वायु सेना का नया ध्वज

आईएएफ क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक सिंह और उसके नीचे देवनागरी में “सत्यमेव जयते” शब्द हैं. अशोक सिंह के नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है. हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है “भारतीय वायु सेना” भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम्” हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है. आईएएफ का आदर्श वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है “वैभव के साथ आकाश को छूना”.

पीएम मोदी, अम‍ित शाह और सीएम योगी ने दी बधाई

केंद्रीय मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वायु सेना स्थापना दिवस पर सभी भारतीय वायु सेना कर्मियों को शुभकामनाएं दीं. भारतीय वायु सेना ने रविवार सुबह प्रयागराज के बमरौली वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक परेड के साथ वर्षगांठ समारोह की शुरुआत की.

वायु सेना दिवस भारतीय वायु सेना (IAF) को देश के सशस्त्र बलों में आधिकारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक है, जिसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी. हर साल यह दिन भारतीय वायु सेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मनाया जाता है. वायु सेना को आधिकारिक तौर पर 1932 में यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स की सहायक सेना के रूप में स्थापित किया गया था और पहला ऑपरेशनल स्क्वाड्रन 1933 में बनाया गया था.

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