अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सर सैयद डे पर आयोजित डिनर में छात्राएं फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गईं. देर रात छात्राओं की हालत खराब होने पर उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया. करीब 70 से 80 छात्राओं के पेट में दर्द और वोमिटिंग की शिकायत आई है. इस डिनर का आयोजन बेगम अजीजुल निशा हॉस्टल में किया गया था. डिनर के बाद जब लोग घर को रवाना हुए. उसके बाद हालत बिगड़नई शुरू हो गई. हालांकि, बीमार होने वालों में हॉस्टल के साथ बाहर रहने वाली छात्राएं भी शामिल हैं. इसमें बड़ी लापरवाही की बात सामने आ रही है.
दरअसल, 17 अक्टूबर को एएमयू के सभी हास्टल में सर सैयद डे पर डिनर का आयोजन किया गया था. वहीं बेगम अजीजुल निशा हॉस्टल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें डिनर भी रखा था. इस डिनर में हॉस्टल की छात्राओं और बाहर रहने वाली छात्राओं ने खाना खाया था, जिसके बाद छात्राओं की हालत बिगड़ने लगी. रात दो बजे के बाद ही छात्राएं बीमार पड़ने लगीं. हालात बिगड़ने पर जेएन मेडिकल कॉलेज में छात्राओं को भर्ती कराया गया. करीब 70 से अधिक छात्राओं के पेट में दर्द और वोमिटिंग की बात सामने आई है. छात्राओं की हालत खराब होने पर उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज में इलाज किया जा रहा है.
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छात्र वानिया ने बताया कि सर सैयद डे पर डिनर में खाना खाया था. जिसके बाद फूड पॉइजनिंग हुई, हालांकि कितनी छात्राओं की हालत बिगड़ी अभी स्पष्ट फिगर नहीं है. लेकिन कम से कम 70 से ज्यादा छात्राएं इस फूड पॉइजनिंग का शिकार हुई है. वही फूड पॉइजनिंग की शिकार छात्राओं को जेएनएमसी में भर्ती कराया गया है. जिन छात्राओं की हालत में सुधार हो रहा है उन्हें मेडिकल कालेज से भेज दिया जा रहा है. फूड पॉइजनिंग की शिकार छात्राओं की संख्या बढ़ सकती है.
बेगम अजीजुन निसाँ हॉस्टल की कुछ छात्राओं को माइल्ड सिम्प्टम की शिकायत पर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी की गई है. एएमयू के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बेगम अजीजुन निसाँ हॉल में सर सैयद डिनर के पश्चात् कुछ छात्राओं द्वारा रात में लगभग 1ः30 बजे माइल्ड सिम्प्टम (उल्टी व पेट दर्द) की शिकायत की गई. तत्काल संज्ञान लेते हुए छात्राओं को जे०एन० मेडिकल कॉलेज में सम्यक प्राथमिक उपचार दिया गया. जिसके पश्चात् उन्हें वापस अपने हॉल भेज दिया गया. किसी भी छात्रा को भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुलपति, डी.एस.डब्ल्यू. (अधिष्ठाता छात्र-कल्याण), कुलसचिव, प्रॉक्टर आदि द्वारा मेडिकल टीम के साथ जे०एन० मेडिकल कॉलेज जाकर स्थिति का आकलन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. प्रकरण के संबंध में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है.