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अलीगढ़: शरीर पर 7 गोलियों के घाव और एक आंख गवांने पर भी नहीं डिगे रिंकू सिंह, पास की UPSC परीक्षा

Aligarh News: इरादे मजबूत हों तो कोई भी बाधा रास्ता रोक नहीं सकती. अलीगढ़ के डोरी नगर निवासी रिंकू सिंह राही ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. हापुड़ में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात रिंकू सिंह ने 13वें प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की है.

Aligarh News: इरादे मजबूत हों तो कोई भी बाधा रास्ता रोक नहीं सकती. अलीगढ़ के डोरी नगर निवासी रिंकू सिंह राही ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. हापुड़ में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात रिंकू सिंह ने 13वें प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की है. उन्हें 683वीं रैंक मिली है. रिंकू सिंह राही में पीसीएस अधिकारी रहते हुए हार नहीं मानी और 13वें प्रयास में यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बने.

पीसीएस रिंकू सिंह राही बने आईएएस… अलीगढ़ के डोरी नगर निवासी रिंकू सिंह राही वर्तमान में 2004 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं. रिंकू सिंह राही की हापुड़ में बतौर समाज कल्याण अधिकारी तैनाती है. रिंकू सिंह ने पीसीएस रहते हुए समाज कल्याण अधिकारी की नौकरी भी की और साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी. रिंकू सिंह को 13 में प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 683 वीं रैंक मिली है, अब रिंकू सिंह पीसीएस से आईएएस बन गए हैं.

ईमानदारी को लेकर रिंकू पर हुआ था हमला… सन् 2004 में रिंकू सिंह जब पीसीएस अधिकारी बने, तो उनकी पहली तैनाती मुजफ्फरनगर में थी. जहां एक भ्रष्टाचार के मामले की जांच के दौरान 2008 में अपने आवास पर बैडमिंटन खेलते समय, उन पर हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसके बाद वह 4 महीने तक अस्पताल में भी भर्ती रहे थे. रिंकू सिंह राही ने मीडिया को बताया कि मुजफ्फरनगर में हुए हमले के बाद हार नहीं मानी. सोचा इससे ज्यादा और क्या होगा ? कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, की सोच के साथ यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और सफलता मिली.

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रिंकू अलीगढ़ में भी रहे समाज कल्याण अधिकारी… सन 2009 में रिंकू सिंह अलीगढ़ में समाज कल्याण अधिकारी बनकर आए. इस दौरान रिंकू सिंह मडराक के आईएएस पीसीएस परीक्षा पूर्व कोचिंग सेंटर के प्रभारी भी रहे, जहां उन्होंने कई सकारात्मक कार्य किए. सन् 2012 में यहां से संत रविदास नगर तबादला हो गया.

एएमयू के शब्बीर भी बने आईएएस… एएमयू की रेजिडेंशियल कोचिंग अकैडमी में तैयारी करने वाले मोहम्मद शब्बीर का भी तीसरे प्रयास में यूपीएससी 419 वी रैंक से क्लियर हो गया. मोहम्मद शब्बीर मूल रूप से जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के बांसिया बाली गांव के निवासी है. शब्बीर ने 2016 में एएमयू से बीएससी, 2018 में एमएससी की. शब्बीर का 2020 में बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट बतौर चयन हुआ था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया था. शब्बीर के पिता खेतीबाड़ी करते हैं.

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