20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP News: मऊ के Ex-MLA कपिलदेव मर्डर केस में सभी आरोपी दोषमुक्त, 13 साल पहले गोली मारकर की गई थी हत्या

यूपी के मऊ में पूर्व विधायक कपिलदेव यादव हत्याकांड मामले में अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. चार जुलाई 2010 को मऊ जिले के मझवारा चौराहे पर दिनदहाड़े पूर्व विधायक कपिलदेव यादव और उनके चालक को गोलियों से भून दिया गया था.

यूपी के मऊ में पूर्व विधायक व सपा नेता कपिलदेव यादव और उनके चालक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-दो निशांत मान की अदालत ने 13 वर्ष बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय समेत 16 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया. इस मामले में 23 गवाह थे. इनमें से 21 मुकर गए. सिर्फ विवेचक और मुकदमा लिखने वाले कांस्टेबल बयान पर कायम रह सके. गवाही से मुकरने वालों ने कहा कि दरोगा ने जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया था. बयान नहीं लिया, फिर भी नाम डाल दिया. पिस्टल बरामदगी से संबंधित गवाह भी मुकर गए. इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष को साजिश का आरोपी बनाया गया था. एक आरोपी अभय सिंह का निधन हो चुका है.

बदमाशों ने दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग कर की थी हत्या

कोपागंज थाना क्षेत्र के देईथान इंदारा गांव निवासी राम नगीना यादव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. वादी के अनुसार 4 जुलाई 2010 को दोपहर 12:45 बजे वह अपने भाई पूर्व विधायक कपिलदेव यादव के साथ चचाईपार में पूजा के कार्यक्रम में शामिल होकर घर लौट रहा था. मझवारा बाजार में तीन बाइक सवार 6 लोगों ने उनकी गाड़ी रुकवा ली थी. देवनाथ यादव गाड़ी चला रहा था, जबकि पिछली सीट पर रविंद्र नाथ यादव और कौशल चौहान बैठे थे. इस दौरान बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिससे उनके भाई कपिलदेव यादव की मौके पर मौत हो गई. वहीं, गंभीर रूप से घायल चालक देवनाथ यादव को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी भी मौत हो गई. मामला अदालत में चल रहा था. अब फैसला आया है.

Also Read: Dandiya Nights Lucknow: नवाबों के शहर लखनऊ में इन जगहों पर होगा डांडिया नाइट्स, जानें लोकेशन और टिकट की कीमत
23 गवाहों में से 21 अपने बयान से पलटे

अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी फौजदारी अनिल कुमार पांडेय ने 23 गवाहों को पेश किया. इनमें दो पुलिस कर्मियों के अलावा 21 गवाहों ने अभियोजन के कथन का समर्थन नहीं किया और वह पक्षद्रोही हो गए. बचाव पक्ष से पैरवी करते हुए अधिवक्ता फतेहबहादुर सिंह और दयाशंकर राय ने कहा कि उनके मुवक्किलों को झूठा फंसाया गया है. एडीजे ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने तथा साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय समेत सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया.

इन लोगों पर हुई थी नामजद

पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, अंकुर राय, राजू साहनी, मनीष राय, इंदू शेखर राय, रविशंकर सिंह, सूरज राय, अंजनी सिंह, सुबाष यादव, अभय सिंह, प्रभाशंकर राय, रिंकू राय, सर्वेश राय, सुरेंद्र कुमार उर्फ छब्बू राय, अविनाश राय उर्फ डिंपू और जितेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र और आयुध अधिनियम के तहत आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया.

लखनऊ में किया था आत्मसमर्पण

इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी अंकुर राय और रविशंकर सिंह ने घटना के एक सप्ताह बाद ही नाटकीय ढंग से लखनऊ में मीडिया के सामने सरेंडर किया था. पुलिस ने दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जनपद आई थी. तबसे लेकर यह मुकदमा चल रहा था. मामले में अंकुर राय व रविशंकर सिंह करीब साढ़े तीन वर्ष तक जेल में भी रहे. इस मामले में वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय और उनके गांव के मनीष राय को गिरफ्तार किया गया था. दोनों करीब चार महीने तक देवरिया जेल में बंद थे. हाई प्रोफाइल हत्या को लेकर जनपद में दो गुट भी आमने सामने रहे. मामला अदालत में चलने के दौरान गवाहों को पेश करने को लेकर पुलिस पर भी सवाल उठते रहे. पुलिस ने दो मुख्य आरोपी और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 14 साजिशकर्ता बताया था. इन सभी पर सिर्फ धारा 120 के तहत ही मुकदमा दर्ज किया गया था.

Also Read: PHOTOS: दिवाली-छठ पूजा पर दिल्ली-मुंबई से लखनऊ, पटना और रांची के लिए फ्लाइट्स, यहां जानें किराया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें