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Aligarh Muslim University: मदरसे से यूनिवर्सिटी तक का सफर, कई विवादों का रहा केंद्र, नहीं हटी जिन्ना की तस्वीर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 1678 शिक्षक, 13 फैकल्टी, 117 विभाग, एएमयू में 20 आवासीय हाल हैं जहां पर छात्र-छात्राएं रहकर पढ़ते हैं. यूनिवर्सिटी के 1.70 लाख पूर्व छात्र देश दुनिया के कोने कोने में फैले हुए हैं. एएमयू में जेएन मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज, यूनानी कालेज, नर्सिंग कालेज भी चल रहे हैं.

Aligarh: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) आज के दिन यानी 9 सितंबर को ब्रिटिश काउंसिल में यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला. मुसलमानों के लिए यह सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है. यहां से पढ़कर निकले छात्र आज देश दुनिया में विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं.

एएमयू की नींव 24 जून 1875 को सर सैयद अहमद खान ने एक मदरसे के रूप में रखी थी. सात छात्रों से इसकी शुरुआत हुई. वहीं 1977 में यह मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज के रूप में जाना जाने लगा. 27 मार्च 1898 में सर सैयद अहमद खान का निधन हो गया. लेकिन, उनके द्वारा किए गए प्रयास की बदौलत शिक्षा के इस मंदिर में आज 37 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

मो. अली जिन्ना की तस्वीर का मुद्दा रहा चर्चित

सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद एएमयू का विवादों से गहरा नाता रहा. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी विरोध प्रदर्शन और हंगामों के लिए भी चर्चित रहती है. एएमयू की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शताब्दी समारोह में डिजिटल संबोधन किया था. एएमयू के बड़े विवादों की बात करें तो यहां कुछ वर्ष पहले मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर माहौल काफी काफी गरमा गया था. इसके अलावा कई अन्य मौकों पर एएमयू विवादों से घिरा रहा.

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एएमयू में छात्रा को जींस पहनकर आने पर मिली धमकी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई बार छात्रों के जींस पहनने पर विवाद का मामला सामने आया है. वर्ष 2006 में छात्रा के जींस पहनने पर विवाद हुआ, जिसमें उसे धमकी भी मिली. इसके बाद छात्राओं के मनपसंद कपड़े पहनने की आजादी पर जमकर विवाद हुआ था. तब छात्राओं ने छात्रावास से बाहर निकलकर कार्रवाई की मांग को लेकर कुलपति आवास के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया था. वहीं 2013 में भी कुलपति की तरफ से अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी करके साफ किया गया था की छात्राएं अब कैंपस में जींस और टी शर्ट नहीं पहन पाएंगी. छात्राओं से गौरवशाली परंपरा के अनुरूप लिबास पहन कर आने की बात कही गई.

हिंदू लड़की को हिजाब पहनाने की दी गई धमकी

एएमयू की हिंदू छात्र ने जब बुर्का पहनने का विरोध किया, तो उसको हिजाब पहनाने की धमकी दी गई. थाना सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले में आरोपी दबंग एएमयू छात्र के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया था. यह मुद्दा सुर्खियों में रहा था.

जिन्ना की तस्वीर पर विवाद

एएमयू के छात्र संघ भवन में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी होने पर बवाल हो चुका है. इस मामले में अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कुलपति को खत लिखकर जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की थी. सांसद के पत्र लिखने के बाद एएमयू में जमकर हंगामा बरपा. हालांकि अभी भी जिन्ना की तस्वीर छात्र संघ भवन में टंगी है.

एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण का बंटवारा नहीं

एएमयू में जाति के आधार पर आरक्षण का बंटवारा नहीं किया गया है. एएमयू के अल्पसंख्यक स्वरूप का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लटका पड़ा है. इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया ने एएमयू में दलित छात्रों को प्रवेश में आरक्षण देने की वकालत की थी, एएमयू में आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मामला उठा चुके हैं.

शरजील इमाम ने नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग करने का फार्मूला सुझाया

सीएए-एनआरसी आंदोलन के समय जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने एएमयू में आकर भारत के टुकड़े करने का फार्मूला सुझाया था. भाषण में पूर्वोत्तर राज्य और असम को भारत के नक्शे से मिटाने की बात कही थी. शरजील ने एएमयू में आकर कहा था कि हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम को हिंदुस्तान से हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं. अलगाववादी भाषण को लेकर शरजील इमाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और गिरफ्तारी हुई.

भारत के नक्शे से कश्मीर को किया गायब

2018 में एएमयू परिसर में होने वाले कार्यक्रम को लेकर पोस्टर में भारत के नक्शे से कश्मीर को गायब कर दिया गया था. होर्डिंग में भारत का नक्शा बना था. जिसमें कश्मीर को भारत से अलग दिखाया गया. अरुणाचल प्रदेश को चीन में दिखाया गया. वहीं, शिकायत के बाद एएमयू प्रशासन हरकत में आया. यह पोस्टर असगर वजाहत के चर्चित नाटक को लेकर लगाया गया था. बाद में नाटक पर रोक लगा दी गई.

हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था शोध छात्र

एएमयू के भूगर्भ विज्ञान विभाग का रिसर्च स्कॉलर मन्नान वानी 2019 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ गया था. मन्नान वानी ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी थी, तब यब मामला सुर्खियों में आया था, हालांकि कुछ दिनों के बाद मन्नान वानी सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.

एएमयू में 26 जनवरी को लगे धार्मिक नारे

गणतंत्र दिवस पर यूनिवर्सिटी के कैंपस में एएमयू जिंदाबाद के साथ धार्मिक नारा नारा ए तकबीर अल्लाह हू अकबर बोला गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. इसकी शिकायत अलीगढ़ पुलिस से की गई. प्रकरण में छात्र को निलंबित किया गया.

एएमयू में पढ़ने आया मुनीर बन गया किलिंग मशीन

2009 में एएमयू में दाखिला लेने के उद्देश्य से आया मुनीर मेहताब पश्चिमी यूपी में जरायम की दुनिया का बड़ा नाम बन गया था. उसने एनआईए डीएसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या की. पश्चिमी यूपी के साथ लखनऊ और दिल्ली तक सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देकर वह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया. एनआईए डीएसपी की हत्या के बाद मुनीर गैंग सुर्खियों में आया था.

एएमयू से जुड़े लोगों ने की थी सिमी की स्थापना

आपातकाल के बाद 25 अप्रैल 1977 को एएमयू से जुड़े लोगों ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की स्थापना की थी, एक दशक बाद यह संगठन रास्ता भटक गया. 80 के दशक में ही तमाम कार्यकर्ता उग्रवाद की ओर बढ़ चुके थे. इनकी राष्ट्र विरोधी हरकतें भी सामने आई. जब अयोध्या में विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ, तब सिमी नेताओं ने तिरंगे तक को सलाम करने से इनकार कर दिया था, कई राज्यों में बम धमाकों में संलिप्त की पुष्टि के बाद संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया, हालांकि शमशाद मार्केट में इस संगठन के कार्यालय का दफ्तर सील है.

अफजल गुरु को दिया था शहीद का दर्जा

2013 में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद एएमयू छात्रों ने उसे शहीद का दर्जा दिया था. अफजल की फांसी के बाद छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास नमाज ए जनाजा पढ़ा था और अफजल को शहीद का दर्जा दिया था. फांसी दिए जाने के विरोध में एएमयू में छात्रों ने प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला था.

एएमयू में हिंदू देवी देवताओं का अपमान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस विभाग में शिक्षक पर लेक्चर के दौरान हिंदू देवी देवताओं के आपत्तिजनक उदाहरण दिए जाने के आरोप लगे. इसे लेकर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. आरोपी शिक्षक को एएमयू प्रशासन ने निलंबित कर दिया.

भाजपा नेता बोले- एएमयू एक्ट में हो बदलाव

एएमयू के पूर्व छात्र और भाजपा नेता डॉक्टर निशित शर्मा ने बताया कि एएमयू की स्थापना पार्लियामेंट एक्ट के तहत हुई है. लेकिन, विशेष समुदाय के लोग क्रेडिट लेते हैं. एएमयू में विश्व स्तरीय शिक्षा कम फीस में मिलती है. हर धर्म के छात्र यहां पढ़ते हैं. उन्होंने बताया कि बीएचयू की तरह यहां भी एक्ट की तरह शिक्षा का सिस्टम है. लेकिन, यहां कोर्ट मेंबर बनाए जाते हैं. जिसमें विभिन्न श्रेणियां हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू एक्ट में बदलाव होना चाहिए.

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