Aligarh : जिले में कुपोषित बच्चों को ढूंढने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्री युद्ध स्तर पर काम करेंगे. बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से कवायद की जा रही है. इसको लेकर के पोषण पुनर्वास केंद्र भी संचालित किया जा रहा है. मंगलवार को सीडीओ आकांक्षा राणा की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक हुई. जिसमें कुपोषित बच्चे मिलने पर उन्हें अस्पताल में लाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी को दी गई.
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशों के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय पोषण समिति की बैठक का आयोजन किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयश कुमार द्वारा विभागीय प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बैठक का संचालन किया गया. सीडीओ ने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र पूर्ण क्षमता से संचालित किया जाए.
कुपोषण को दूर किए जाने के उद्देश्य से भर्ती किए जाने वाले बच्चों को बिना सीएमओ की अनुमति के घर न भेजा जाए. उन्होंने कहा कि सीडीपीओ आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों के सहयोग से अपने क्षेत्र में कुपोषित बच्चों का सघन चिन्हांकन कर उन्हें अस्पताल भेजें.
इस समीक्षा बैठक में आधार सीडिंग की स्थिति जनपद में बेहतर पाई गई, जोकि स्टेट औसत 93.55 के सापेक्ष 99 प्रतिशत रही. इसी प्रकार से होम विजिट का कार्य जनपद में अच्छे ढ़ंग से किया जा रहा है. जो स्टेट एवरेज से 11 प्रतिशत ऊपर पाया गया. पोषण ट्रैकर एप पर शत-प्रतिशत फीडिंग के निर्देश देते हुए सीडीओ ने कहा कि तकनीक के सहयोग से कार्य सरल हुआ है. इससे भागे नहीं बल्कि इसे अपनाएं.
बैठक में बताया गया कि गोदभराई कार्यक्रम के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं आशाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की अच्छे से काउंसलिंग की जाए, ताकि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें. वीएचएनडी की बैठकों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग न किए जाने से बैठकें निष्प्रभावी हो रही हैं. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, आशाओं व एएनएम को निर्देशित किया गया कि ट्रिपिल-ई बैठक में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग कर कमियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनमें सुधारात्मक कार्य किए जाएं. सीडीओ ने कहा कि वर्तमान में साधन-संसाधन की कमी नहीं है, आवश्यकता सामंजस्य व समन्वय की है.
रिपोर्ट- आलोक, अलीगढ़