अलीगढ़. सिर पर सफेद टोपी, ठोढ़ी से चिपका मॉस्क, आंखों में मोटा लैंस का पुराना चश्मा, हाथ में पानी की बोतल. रविवार को रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल अलीगढ़ के गेट पर नीट एग्जाम के परीक्षार्थियों की कतार में खड़े 69 साल के मोहनलाल गोला को देखकर एक बार तो सभी को लगा कि किसी परीक्षार्थी को लेकर आए हैं. लेकिन परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने लगे तो वहां सुरक्षा में तैनात अधिकारी और पुलिस वाले भी सतर्क हो गये. पुलिस के टोकने पर प्रवेश पत्र दिखाया तो गेट पर रोका तो 69 साल के इस परीक्षार्थी ने सभी को अवाक कर दिया. वह डॉक्टर बनना चाहते हैं.
थाना गांधी पार्क क्षेत्र के डोरी नगर कॉलोनी में रहने वाले मोहनलाल गोला आडिट अधिकारी के पद से रिटायर्ड हुए हैं. उनके अंदर पढ़ने का जज्बा इतना है कि नीट की परीक्षा की तैयारी में जुट गए. परीक्षा देने के बाद वह सेंटर से बाहर आए तो लोगों ने उनसे सवालों की झड़ी लगा दी. मोहनलाल ने बताया कि बुढ़ापे में भी इंसान पढ़ाई कर सकता है. वे एम.ए करने के बाद के बाद ऑडिट अधिकारी बने थे. रिटायर्ड होने के बाद साइंस स्ट्रीम से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की, पढ़ाई जारी रखने के लिए पैतृक घर दादों की जगह अलीगढ़ में थाना गांधी पार्क क्षेत्र के डोरी नगर कॉलोनी में मकान बनाया है.
मोहनलाल के चार बच्चे हैं. जिसमें एक लड़का और तीन लड़की है. मोहनलाल बताते हैं कि बेटा नशेड़ी हो गया है. वह पढ़ने में रुचि नहीं दिखाता है. इस कारण वह रिटायरमेंट के बाद पढ़ाई जारी रखे है ताकि उसे इस बात का एहसास हो कि पढ़ाई कितनी महत्वपूर्ण है. बच्चों ने पढ़ने से मना कर दिया और मेरी बचपन से पढ़ने की आदत है . मोहन लाल गोला बताते हैं कि मेरी जेब में अगर पैसे होते हैं. तो मैं किताब खरीद कर पढ़ता हूं.मेरा आधा घर पुस्तकालय बना हुआ है. नीट की परीक्षा ही क्यों चुनी, इस पर उनका कहना था कि डाॅक्टर में बुढ़ापे में बहुत जरूरत पड़ती है. जैसे स्वास्थ्य जानकारी की जरूरत पड़ती है .