हांगझोउ में खेले जा रहे एशियाई खेलों में रविवार एक अक्टूबर को विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज परवीन हुड्डा ने महिलाओं की 57 किग्रा स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाकर एशियाई खेलों में पदक सुनिश्चित करने के साथ पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल किया. विश्व चैम्पियनशिप में 63 किग्रा में पदक जीतने वाली परवीन ने उज्बेकिस्तान की सितोरा तर्डिबेकोवा को सर्वसम्मत फैसले से हराया.
इस मुकाबले में मौजूदा एशियाई चैंपियन शुरू से ही अपने लय में दिखी. उन्होंने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए 21 साल की प्रतिद्वंद्वी को बाएं और दाएं दोनों ओर से मुक्के जड़े. परवीन उज्बेकिस्तान की सितोरा तर्डिबेकोवा को एक बार भी अपने पर हावी होने नहीं दी और तीनों राउन्ड को अपने नाम करते हुए मैच को आसानी से जीत लिया. परवीन ने शुरुआती दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन इसके बाद तर्डिबेकोवा को अपने करीब आने का मौका दिया और फिर सटीक पंच जड़े. तर्डिबेकोवा ने भी इस दौरान कुछ अच्छे मूव बनाकर परवीन को पंच जड़े लेकिन इसका कोई फाइदा उन्हें नहीं मिला.
दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) पहले ही अपने-अपने वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं. महिला वर्ग में 50 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा और 60 किग्रा में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले और 66 किग्रा तथा 75 किग्रा में फाइनल में पहुंचने वाले मुक्केबाजों को पेरिस ओलंपिक का कोटा मिलेगा. पुरुष वर्ग में सात वजन वर्गों से स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को ओलंपिक कोटा मिलेगा.