26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Election Results 2023: भाजपा की विचारधारा का अंडर करंट है, पढ़ें खास रिपोर्ट

उदयपुर में तो कांग्रेस के अधिवेशन में रिलीजियस आउटरीच प्रोग्राम की बात भी हुई थी, उससे भी कांग्रेस को कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि भाजपा को ही लाभ हुआ. कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत दर्ज कर दक्षिण में जो बड़ी सफलता हासिल की है, उसे इन तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने मंद कर दिया है.

इस विधानसभा चुनाव के परिणाम थोड़े चौंकाने वाले हैं, लेकिन वे यह भी दिखाते हैं कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, जो एक ही क्षेत्र के राज्य हैं, उन तीनों जगह एक तरीके का बेहद शक्तिशाली अंडर करंट था. इस अंडर करंट का आधार प्रथम दृष्टि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं हैं, जिनके जरिये लोगों को पैसे दिये जाते हैं और आज वे लोगों तक पैसा पहुंच भी रहे हैं. इससे लोगों के मन में मोदी के प्रति भरोसा जगा है और वह नजर आ रहा है. यह भरोसा लोकसभा चुनाव में, हिंदी पट्टी में और मजबूती से नजर आयेगा और यह इंडिया गठबंधन के लिए बहुत बड़ी खतरे की घंटी है.

हिंदी पट्टी के जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए हैं, उन तीनों राज्यों में बहुत अलग ढंग से चुनाव लड़ा गया है. मध्य प्रदेश की बात करें, तो कहा जा रहा था कि वहां लंबे समय से एक उदासीनता है, उबाऊपन है. यहां भाजपा के किसी लहर की भी बात नहीं हो रही थी. फिर भी भाजपा जीत गयी. विभिन्न याेजनाओं की बातें भी यहां हुई थीं. अगर जनता में योजनाओं, या महिला वोट का उत्साह होता, तो अशोक गहलोत और भूपेश बघेल फिर क्यों नहीं जीते, उन्होंने तो योजनाओं की झड़ी लगा दी थी. छत्तीसगढ़ में तो भाजपा का कोई ऐसा दमदार चेहरा भी नहीं था. राजस्थान में भी भाजपा ने कोई चेहरा सामने नहीं रखा था, उसके बावजूद लोगों ने इन राज्य में मजबूती से भाजपा को समर्थन दिया है. यहां ध्यान देने योग्य जो बात है, वह यह कि राम मंदिर के तारीख की जो घोषणा हुई, नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने तमाम चुनावी प्रचार में उसका जिक्र किया. इसी तरह से, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपके लिए मकान बना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमने राम मंदिर बनाने का अपना वादा पूरा किया. और फिर मथुरा पहुंचकर उन्होंने बिना कुछ कहे भी तस्वीरों के जरिये जनता को कई संदेश दे दिये. दूसरी जो प्रमुख बात मुझे लगती है, वह 80 करोड़ लोगों को देशभर में दिये जाने वाले राशन की समयावधि को पांच वर्षों के लिए और आगे बढ़ा दिया जाना है. तो केंद्र की जो कल्याणकारी योजनाएं हैं, वो अब लक्षित लोगों तक पहुंच रही हैं. मैं केवल इसको सांप्रदायिकता, धर्म और राष्ट्रवाद से जुड़ी बात नहीं मान रहा हूं. मुझे लग रहा है कि यह एक महत्वपूर्ण कारक बन रहा है, क्योंकि अगर शिवराज जी की उपलब्धि होती, तो वह मामला केवल मध्य प्रदेश तक ही सीमित रहता. पूरे छत्तीसगढ़ में तो भाजपा का कोई चेहरा ही नहीं था. थोड़ा-बहुत ही सही, पर भूपेश बघेल भी हिंदुओं को रिझाने के लिए कुछ योजनाएं चला रहे थे. उधर राजस्थान में अशोक गहलोत ने अपनी स्वास्थ्य योजनाएं निकाली थीं और साल दो साल से उसका बहुत प्रचार-प्रसार किया था, लेकिन सामने कुछ भी टिका नहीं.

राष्ट्रीय संदर्भ में दो बातें हैं. एक, राहुल गांधी जाति के आधार पर जनगणना की लगातार बातें कर रहे हैं, उस बात को पिछड़ों ने इन राज्यों में तो बिल्कुल ही नकार दिया. दूसरी बात कि राहुल गांधी के पास उस तरह का मेकेनिज्म नहीं है कि वो जनता के बीच जाकर अपनी उस तरह की पैठ बना सकें, खासकर पिछड़ों के आरक्षण को लेकर, जैसा समाजवादी पार्टी या दूसरे दलों ने बनाया है. इस मामले में कांग्रेस उसने आसपास भी नजर नहीं आ रही है. उदयपुर में तो कांग्रेस के अधिवेशन में रिलीजियस आउटरीच प्रोग्राम की बात भी हुई थी, उससे भी कांग्रेस को कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि भाजपा को ही लाभ हुआ. कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत दर्ज कर दक्षिण में जो एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है, उसे इन तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने मंद कर दिया है. कांग्रेस जब किसी राज्य में तीसरे मोर्चे से चुनाव हारती है, तो फिर वह वहां पनप नहीं पाती. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि इसके उदाहरण हैं. वह पिछलग्गू बनकर सरकार में भले ही शामिल हो जाती है, पर उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं रहता है. रही बात लोकसभा चुनाव की, तो असलियत यही है कि नरेंद्र मोदी का प्रभाव लोगों पर है और भाजपा को आराम से तीन सौ- तीन सौ पार सीटें आ सकती हैं. इंडिया गठबंधन की बात करें, तो गठबंधन के दल कांग्रेस के ऊपर भरोसा कर रहे हैं, या कम कर रहे हैं, कांग्रेस उनको सीटें दे रही है, नहीं दे रही है, इसका कोई अर्थ नहीं है. असल बात है कि चुनाव में परिणाम क्या होगा. वर्ष 2024 को लेकर आकलन था कि त्रिशंकु लोकसभा हो सकती है, इन चुनाव परिणामों के बाद उसकी आशा कम नजर आ रही है. कह सकते हैं कि भाजपा की विचारधारा का अंडर करंट है यह चुनाव परिणाम.

Also Read: Election Results 2023: चरम पर है मोदी का जादू, पढ़ें खास रिपोर्ट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें