Atiq Ahmed News: माफिया अतीक अहमद के गुर्गों के खिलाफ पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इस कार्रवाई में अतीक अहमद के गैंग आईएस 227 के दर्जनों मेंबर अब तक नैनी सेंट्रल जेल भेजे जा चुके हैं. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद भी कई आपराधिक मामले सामने आए हैं. अतीक अहमद गैंग के कई गुर्गों ने अतीक के नाम पर रंगदारी मांगी है.
जिसके बाद पुलिस ने इन मामलों में एफआईआर दर्ज करते हुए अतीक के गुर्गों को जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया है. इसमें अतीक के परिवार वालों के अलावा कई शार्प शूटर, गैंग मेंबर, साजिशकर्ता और फाइनेंसर शामिल हैं. इसमें अतीक अहमद के दो वकील और दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद भी शामिल है.
लेकिन अतीक अहमद गैंग आईएस 227 के मेंबर्स के बड़ी संख्या में नैनी सेंट्रल जेल भेजे जाने से पुलिस की चिंता बढ़ गई है. पुलिस और एसटीएफ के आला अफसर तक यह शिकायत पहुंची है कि जेल में फिर से नई साजिशों का ताना-बाना बुना जा सकता है. जिस तरह से साबरमती जेल में बैठकर अतीक अहमद और बरेली जेल में बैठकर अशरफ ने उमेश पाल शूटआउट केस का प्लान बनाया था.
इसके बाद अतीक अहमद के गैंग के मेंबर्स जेल के बाहर किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इस इनपुट के आधार पर अब गोपनीय जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही यह रिपोर्ट भी तैयार हो रही है कि आखिर अतीक अहमद गैंग से जुड़े कितने मेंबर्स नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट आने के बाद अतीक अहमद गैंग के मेंबर्स को नैनी सेंट्रल जेल से हटाकर दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जाएगा.
माफिया अतीक अहमद का दूसरा बेटा अली अहमद भी नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. अतीक अहमद के रिश्तेदार जीशान उर्फ जानू ने 31 दिसंबर 2021 को करेली थाने में 5 करोड़ की रंगदारी मांगने मारपीट करने और गाली गलौज करने का मुकदमा दर्ज कराया था. करेली थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323,504, 506, 307, 308, 386 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.
इस मामले में फरार चल रहे अली के खिलाफ 25000 का इनाम घोषित किया गया था. एसटीएफ की टीम ने कोलकाता तक छापेमारी की थी. पुलिस का दबाव पड़ने पर 30 जुलाई 2022 को जिला कोर्ट प्रयागराज में अली ने सरेंडर कर दिया था, जहां से उसे कोर्ट ने नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया था. तब से अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. हालांकि इसके बाद भी अली के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
माफिया अतीक अहमद के दूसरे बेटे अली अहमद के नैनी सेंट्रल जेल में बंद होने की वजह से ही अतीक और अशरफ हत्याकांड के आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किया गया है. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद लगातार अतीक अहमद गैंग के मेंबर्स नैनी सेंट्रल जेल भेजे जा रहे हैं. अतीक गैंग के दर्जनों मेंबर पिछले कई सालों से नैनी जेल में बंद हैं. इस बीच कई करीबी अलग-अलग मामले में गिरफ्तार होकर नैनी जेल पहुंचे हैं.
माफिया अतीक अहमद का वकील खान सौलत हनीफ भी उमेश पाल अपहरण केस में उम्र कैद की सजा पाने के बाद नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा है. अतीक का गुर्गा दिनेश पासी भी इसी मामले में सजायाफ्ता होने के बाद नैनी जेल में बंद है, जबकि अतीक अहमद का दूसरा वकील विजय मिश्रा भी उमेश पाल शूटआउट केस में साजिशकर्ता के रूप में जेल भेजा गया है. इसके अलावा आसाद कालिया, फैज भूरी, मोहम्मद आरिफ, कछौली, राहिल हसन, शानू, मोहम्मद नसरत भी नैनी सेंट्रल जेल भेजे गए हैं. अतीक गैंग का मेंबर सपा नेता जावेद उर्फ पप्पू गंजिया भी नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया है.
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वर्तमान मामले में व्यक्तिगत मुद्दों पर नहीं बल्कि व्यवस्थागत समस्याओं पर गौर करेगा. शीर्ष अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. एक याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें जांच के लिए स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की गई थी. अतीक की बहन आयशा नूरी ने हत्या की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की थी.
वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य ने अदालत को सूचित किया कि उसने मामले में एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दायर की है और अदालत उसका अवलोकन कर सकती है. इसके बाद अदालत ने मामले को 14 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया. अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, राज्य ने कहा है कि सरकार सुरक्षा चूक की जांच कर रही है, कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राज्य द्वारा अदालत को यह भी सूचित किया गया है कि राज्य भर में पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय किए जा रहे हैं.
अतीक की बहन आयशा नूरी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पुलिस अधिकारियों को यूपी सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है. उसने अपने परिवार के सदस्यों की कथित मुठभेड़ों से सुरक्षा की भी मांग की है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि राजू पाल हत्याकांड के बाद यूपी सरकार ने उनके परिवार के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि माफिया बंधुओं की हत्या के इस संबंध में अतीक की बहन आइशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी या एक स्वतंत्र एजेंसी से व्यापक जांच की मांग की गई. अतीक बहन का कहना था कि यूपी में सरकार की मदद से अवैध गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चल रहा है.