आजमगढ़ एटीएस ने बनारस से ठगों के एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो नकली नोटों के जरिए जनता को ठगते थे. अपराध जगत में अपने तरीका का अनूठा मामला सामने आया है. पकड़े गए लोगों में नकली नोटों के सौदागर भी शामिल है, इनके पास से 1लाख 40 हजार के असली और करीब साढे तीन लाख के नकली नोट मिले हैं.
आजमगढ़ एटीएस इंस्पेक्टर ने सभी को चौकाघाट (कैंट) से गिरफ्तार किया है. एक बावर्दी सिपाही के साथ यह गिरोह वाराणसी पहुंचकर किसी को चूना लगाने के फिराक में था. सभी के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा (FIR) दर्ज किया गया है.
ATS के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार पासवान को सूचना मिली थी कि जाली नोट के नाम पर ठगी करने के लिए कुछ लोग बनारस के चौकाघाट में मौजूद हैं. सूचना के आधार पर एटीएस की टीम मंगलवार की भोर में तकरीबन तीन बजे चौकाघाट-घौसाबाद स्थित पेट्रोल पंप के पास सभी को घेर लिया. गाड़ी से छह व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हुई.
इसमें थाने का सिपाही इंद्रसेन यादव निवासी रानीगंज प्रतापगढ़, राजेश मौर्य निवासी भरतपुर बिलरियागंज आजमगढ़, वकील कन्नौजिया और शिवशंकर यादव निवासी हैदराबाद रौनापार आजमगढ़ के कब्जे से तीन लाख 50 हजार छह सौ रुपये के जाली नोट बरामद हुए. पश्चिम बंगाल मेदिनीपुर दासपुर के निएचितपुर के मूल निवासी गोपीनाथ मंडल और मेदिनीपुर कूडा के गोपालनगर निवासी शेख आरिफ के कब्जे से एक लाख 40 हजार रुपये असली नोट बरामद हुए.
ATS की पूछताछ में आरोपी राजेश मौर्य, शिवशंकर यादव और वकील कन्नौजिया ने बताया कि असली नोट लेकर तीन गुना जाली नोट देने का वादा करते हुए असली नोट को लूटा जाता था. साढ़े तीन लाख की जाली नोट आजमगढ़ से लेकर आए थे. एक गुना असली नोट को तीन गुना नकली नोटों से ठगी करने के बाबत इस गिरोह में कुछ पुलिसकर्मियों को भी रखते हैं. ताकि, सामने वाली पार्टी जब आए तो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच पकड़ने का नाटक कर पार्टी को डरा धमकाकर भगा दें.
बाद में आपस में पैसे का बंटवारा होता है। कहा, इसी सिलसिले में सिपाही इंद्रसेन यादव को साथ लेकर आए थे. पकड़ा गया सिपाही 2015 बैच का सिपाही है और प्रतापगढ़ के रानीगंज का निवासी है. तीन साल से आजमगढ़ में तैनात है. वहीं डीआईजी ने सिपाही को निलंबित कर दिया है.
इनपुट: विपिन कुमार