14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Maha Navami 2022: आज दोपहर 2.20 बजे तक नवमी, फिर चढ़ जाएगा विजयादशमी, जानें हवन का शुभ मुहूर्त

Maha Navami, Dussehra 2022: 3 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर नवमी तिथि शुरू हुई जो 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार महानवमी 4 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 1.32 बजे तक हवन का शुभ मुहूर्त है

Maha Navami, Dussehra 2022: शारदीय नवरात्रि का आज नवमें दिन यानी नवरात्रि का समापन के साथ उद्यापन किया जाएगा. नवरात्रि में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. 4 अक्टूबर, मंगलवार को नवरात्रि की नवमी तिथि के बाद विजयादशमी शुरू होगा जिसे दशहरा कहते हैं.

क्यों की जाती है रावण की पूजा?

पूरे देश में विजयदशमी के दिन रावण का प्रतीक रूप में वध कर उसका पुतला जलाया जाता है.
शास्त्रों के अनुसार बह्म बाण नाभि में लगने के बाद और रावण के धराशाही होने के बीच कालचक्र ने जो रचना की उसने रावण को पूजने योग्य बना दिया. यह वो समय था जब राम ने लक्ष्मण से कहा था कि रावण के पैरों की तरफ खड़े होकर सम्मान पूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो, क्योंकि धरातल पर न कभी रावण के जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न कभी होगा. रावण का यही स्वरूप पूजनीय है और इसी स्वरुप को ध्यान में रखकर रावण के पूजन का विधान है.

विजयादशमी का शुभ मुहूर्त

विजया दशमी 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होगी.

महानवमी 2022 शुभ मुहर्त

3 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर नवमी तिथि शुरू हुई जो 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार महानवमी 4 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 1.32 बजे तक हवन का शुभ मुहूर्त है. वहीं सुबह 9.10 बजे से साढ़े 11 बजे के बीच स्थिर लग्न में भी हवन काफी लाभकारी है. हवन का तीसरा शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे है. नवमी तिथि के समापन से पहले हवन करना फलदायी माना गया है.

Also Read: Happy Durga Navami 2022 Wishes LIVE Updates: मां की पूजा का दिन… यहां से भेजें दुर्गा नवमी की बधाई
हवन साम्रगी

आम की लकड़ियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे, घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची, गाय के गोबर से बने उपले, घी, नीरियल, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर.

हवन विधि

सबसे पहले हवन कुण्ड में अग्नि प्रज्ज्वलित करें फिर हवन साम्रगी गंध, धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य आदि अग्नि देव को अर्पित करें. अब घी मिश्रित हवन सामग्री से या केवल घी से हवन किया जाता है.

Also Read: Happy Maha Navami Wishes 2022: नव शक्ति, नव चेतना … दुर्गा नवमी पर यहां से भेजें शुभकामना संदेश
आहुति मंत्र

ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा.

ओम भूः स्वाहा, इदमगन्ये इदं न मम।

ओम भुवः स्वाहा, इदं वायवे इदं न मम।

ओम स्वः स्वाहा, इदं सूर्याय इदं न मम।

ओम अगन्ये स्वाहा, इदमगन्ये इदं न मम।

ओम घन्वन्तरये स्वाहा, इदं धन्वन्तरये इदं न मम।

ओम विश्वेभ्योदेवभ्योः स्वाहा, इदं विश्वेभ्योदेवेभ्योइदं न मम।

ओम प्रजापतये स्वाहा, इदं प्रजापतये इदं न मम।

ओम अग्नये स्विष्टकृते स्वाहा, इदमग्नये स्विष्टकृते इदं न मम।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें