सिजुआ, धनबाद: कतरास क्षेत्र के सिजुआ साइडिंग में रोड सेल कोयले की मांग पर बंदी का असर शनिवार को भी रहा. साइडिंग में कोयला नहीं होने के कारण एमटीपीएस के लिए कोयला लोड लेने पहुंचा रैक दूसरे दिन भी खड़ा रहा, जबकि डीओ होल्डर एवं असंगठित मजदूरों की बंदी का पूरा असर कांटा पहाड़ी में संचालित अम्बे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिंग के पैच से उत्पादन का कार्य पूरी तरह से ठप रहा. इसके फलस्वरूप बीसीसीएल तथा आउटसोर्सिंग कंपनी को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है.
क्या है मामला
कतरास क्षेत्र के डीओ होल्डर एवं असंगठित मजदूरों ने शुक्रवार से रोड सेल के लिए कोयले की सप्लाई में कमी होने पर आन्दोलन का बिगुल फूंका है. इसके तहत आउटसोर्सिंग कंपनी एवं परिवहन का कार्य ठप कर दिया. आन्दोलनकारियों ने पिछले 24 दिनों से अधिक समय से आन्दोलन जारी रखा है. इसका सीधा असर रैक लोडिंग पर पड़ा है. सिजुआ साइडिंग में रैक के लिए कोयला नहीं होने के कारण कोयला लेने पहुंची रैक कोयले के अभाव में खड़ा हो गया है. आन्दोलन कर रहे डीओ होल्डर एवं असंगठित मजदूरों का कहना है कि कंपनी अपना उत्पादित कोयला अधिकतर कोयला रैक लोडिंग के लिए भेज देती है. रोड सेल के लिए बहुत ही कम मात्रा में डम्प पर गिराती है.
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असंगठित मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति
असंगठित मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. कोयले के अभाव में मजदूर प्रतिदिन डम्पिग स्थल से बैरंग लौटने पर विवश हैं. उन्होंने कहा कि रोड सेल के लिए भरपूर कोयला मुहैया कराने को लेकर कई बार प्रबंधन से वार्ता किया गया, किंतु हर बार सिर्फ झूठा आश्वासन ही प्राप्त हुआ है. थक हार कर उन्हें आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है. अब जब तक रोड सेल में मांग के अनुरूप कोयला मुहैया नहीं कराया जाता है, यह आन्दोलन जारी रहेगा.
आन्दोलन के कारण परियोजना बंदी की कगार पर
रोड सेल में कोयले की मांग को लेकर शुक्रवार से डीओ होल्डर एवं असंगठित मजदूरों के आन्दोलन का असर परियोजना पर पड़ा है. कांटा पहाड़ी में संचालित अम्बे आउटसोर्सिंग में चक्का जाम है. पैच में जहां पानी भरने लगा है, वहीं कंपनी में कार्यरत लगभग डेढ़ सौ मजदूरों के भविष्य पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. यादि परियोजना बंद हुई तो इनके समक्ष रोजगार के साथ-साथ रोजी-रोटी का भी संकट आ सकता है.
आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम राणा चौधरी ने कही ये बात
आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम राणा चौधरी का कहना है कि यादि जल्द ही बीसीसीएल प्रबंधन पैच को चालू नहीं कराता है तो मजबूरन नो वर्क नो पेमेंट का निर्णय ले लिया जायेगा. परियोजना बंदी से प्रतिदिन करोड़ों रुपये का नुकसान आउटसोर्सिंग कंपनी को हो रहा है. मजदूरों का वेतन के साथ-साथ वाहनों की किस्त भी प्रतिमाह प्रबंधन को भुगतान करना होता है. परियोजना की बंदी से जो संभव नहीं है.
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रेलवे रैक लोडिंग में देरी पर पेनाल्टी
कोयला उठाव में देरी पर रेलवे की ओर से अच्छा खासा ड्रेमरेज पेनाल्टी किया जाता है. प्रति बक्सा प्रति घंटा 150 रुपये की दर से जोड़कर चार्ज जोड़ा जाता है, जिसका भुगतान कंपनी को करना होता है. आन्दोलन के कारण सिजुआ साइडिंग में एनटीपीसी की रैक लोडिंग के अभाव में खड़ी है. इस मामले में साइडिंग प्रबंधक प्रकाश रविदास का कहना है कि आन्दोलन की सूचना शुक्रवार को ही उन्होंने रेलवे विभाग को लिखित रूप से दे देते हुए रैक वापस बुला लेने का अनुरोध किया था. एनटीपीसी ने जो रैक कोयले के लिए भेजा है, इसमें 57 बॉक्स हैं, जो अभी भी साइडिंग में खड़ी है.