पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का चुनाव 10 अप्रैल का होना है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान उन्होंने चुनावी हिंसा को लेकर पूछे गये पत्रकारों के सवाल पर कहा कि बंगाल में पहले के मुकाबले हिंसा में कमी आयी है. क्योंकि एक ऐसा भी दौर था जब प्रत्याशियों को व्हाट्सएप के जरिये नामांकन फॉर्म भरना पड़ता था.
गृह मंत्री ने जिस घटना का जिक्र किया वो साल 2018 के पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव का है. जब दक्षिण 24 परगना के भांगड़ यह घटना नेशनल मीडिया की सुर्खियों में थीं. आरोप था कि टीएमसी के गुंडो ने पोलेरहाट ग्राम पंचायत के 10 निर्दलीय उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका था. इसके बाद वो व्हाट्सएप के जरिये नामांकन दाखिल करने को मजबूर हुए थे. जिसके बाद इसकी अनुमति देने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था.
भांगड़ के लोग अभी भी इस घटना को नहीं भूल पाये हैं किस प्रकार टीएमसी के लोगों ने वोट करने से रोक दिया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लोगों के मन में अभी भी इस घटना की यादें ताजा हैं. लोगों का मानना है कि भांगड़ सीट से टीएमसी के खिलाफ इस गुस्से का खामियाजा पार्टी के भुगतना पड़ सकता है. इंडियन एक्सप्रेस को लोगों ने बताया कि अगर उनके पास सत्ताधारी पार्टी से बेहतर कुछ विकल्प हो सकता है तो वे उसका चुनाव करेंगे. बता दें की भांगड़ सीट पर मुसलमान वोटर्स की संख्या लगभग 70 फीसदी के करीब है.
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बता दें कि 2017 में पंचायत चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों ने भूमि, आजीविका, पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण समिति नामक एक स्थानीय संगठन के समर्थन में नामांकन दाखिल किया था. इस संगठन ने 2017 में क्षेत्र में बन रहे पावर ग्रिड का विरोध करके सुर्खियां बटोरी थी.
इसी घटना को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि पहले जिस तरह से बंगाल में चुनावी धांधली होती थी वह अब नहीं हो रही है. चुनाव आयोग ने अच्छी तैयारी कर रखी है. पोलिंग के दिन हो रहे हिंसा, उम्मीदवारों और पत्रकारों पर हो रहे हमले की है, कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले को लेकर अमित शाह ने कहा कि नहीं होना चाहिए, किसी पर हिंसा नहीं होनी चाहिए. चुनाव आयोग ने इसके लिए तैयारी की है.
Posted By: Pawan Singh