पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दो चरण की वोटिंग बीत जाने के बाद एक बार फिर असद्दुदीन ओवैसी और ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. दोनों एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. रायदीघी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आज फिर ओवैसी का नाम लिए बगैर उनपर हमला किया. ममता बनर्जी ने मतादाताओं को कहा कि हैदराबाद की पार्टी बीजेपी की सहयोगी है उससे बचकर रहें.
रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सभी अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने मत विभाजन की अनुमति न दें. आगे टीएमसी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी बंगाल को बांटना चाहती है क्या आप ‘बंग भंग’ आंदोलन के बारे में जानते हैं? इन दिनों भी ऐसा ही हो रहा है. ये लोग बंगाल, इसकी भाषा और इसकी संस्कृति को समाप्त करना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा की बीजेपी धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी दंगे भड़काने का काम करती है. इसलिए उससे दूर रहें. जो बाहरी लोग बंगाल में आये हैं उन्हें खदेड़ कर भगा दो. ममता ने हिंदू धर्म से अपनी पहचान जोड़ने हुए कहा कि मैं एक हिंदू हूं, हर रोज घर से निकलने से पहले चंडी मंत्र का जाप करती हूं. पर सभी धर्म के लोगों सम्मान करती हूं.
इससे पहले नंदीग्राम में मतदान के बीच ओवैसी ने कहा था कि मुस्लिम वोटरों पर फर्क पड़ने से सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिसका सीधा नुकसान टीएमसी सुप्रीमो को हो सकता है. 2011 की जनगणना के अनुसार नंदीग्राम में मुस्लिम की आबादी करीब 30 फीसदी से अधिक थी.
ममता बनर्जी के गोत्र वाले बयान पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनका क्या होगा? जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं. उनका क्या होगा? जो किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या फिर कोई मंत्रोच्चार नहीं करते हैं. उनका क्या होगा? इसके बाद ममता बनर्जी ने ओवैसी पर निशाना साधा था.
इसके बाद ओवेसी नें ट्वीट्स की झड़ी लगाते हुए कहा कि 30 अप्रैल 2002 को जैसा कि गुजरात जल रहा था और पीड़ित अपने शिविरों में . लोकसभा गुजरात हिंसा की निंदा करने के लिए प्रस्ताव पर चर्चा कर रही थी. ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ और भाजपा के पक्ष में मतदान किया. क्या दीदी ने गुजरात के पीड़ितों को मुफ्त में या एक मंत्री पद के लिए बेच दिया?
Posted By: Pawan Singh