कोलकाता (नवीन कुमार राय): तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन (Anti BJP Front) बनाने के लिए दिल्ली दौरे पर हैं. कांग्रेस (Congress) के साथ-साथ कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन उन्हें हासिल है. लेकिन, बंगाल में वामदलों (Left Front) की अगुवाई करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के एक धड़े ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है.
बंगाल विधानसभा (Bengal Vidhan Sabha) में माकपा के नेता रह चुके सुजन चक्रवर्ती (CPM Leader Sujan Chakraborty) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और बीजेपी (Bharatiya Janata Party) के खिलाफ बनने वाले गठजोड़ का चेहरा ममता बनर्जी (WB CM Mamata Banerjee) को बनाये जाने पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा को मजबूत बनाने वाली ममता बनर्जी बीजेपी विरोधी फ्रंट का नेतृत्व कैसे कर सकती हैं. भाजपा के खिलाफ आंदोलन का उनका कोई इतिहास नहीं रहा है.
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष का एक स्पष्ट चेहरा होना चाहिए. लेकिन वो चेहरा ममता बनर्जी होंगी, यह सोचना मूर्खता है. कांग्रेस (Congress) और आईएसएफ (Indian Secular Front) के साथ गठबंधन करने के बावजूद विधानसभा चुनाव 2021 में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली माकपा के पुराने नेता तृणमूल (All India Trinamool Congress) को समर्थन देने के पक्ष में हैं. लेकिन, एक लॉबी इसका विरोध भी कर रहा है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल में अपनी धुर विरोधी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (AITC) को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने के मुद्दे पर माकपा में ही मतभेद सामने आ गये हैं. पोलित ब्यूरो के सदस्य और वाम मोर्चा के चेयरमैन विमान बोस (Left Front Chairman Biman Bose) ने पिछले दिनों उत्तर बंगाल में बयान दिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकने के लिए उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है.
बंगाल विधानसभा चुनाव में शून्य पर पहुंच चुकी माकपा ने पिछले दिनों चुनाव परिणाम की समीक्षा के लिए बैठक की, तो कई नेताओं ने माकपा की हार के लिए कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि पार्टी भाजपा को रोकने की रणनीति पर सवाल खड़े किये. इसी बैठक में कई नेताओं ने कहा कि पार्टी को जनता के साथ जुड़ने के लिए आंदोलन की राह पर लौटने की जरूरत है.
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अब पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के बयानों ने तृणमूल को समर्थन के मुद्दे पर पार्टी में मतभेद को सामने ला दिया है. विमान बोस के पहले बंगाल माकपा के शीर्ष नेताओं में शुमार सूर्यकांत मिश्र ने भी कहा था कि भाजपा को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को समर्थन दिया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार की नीतियों का वाम मोर्चा विरोध करता रहेगा.
Posted By: Mithilesh Jha