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बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का बयान: मैं राज्यपाल को नहीं, सीएम को मानता हूं चांसलर

ब्रात्य बसु ने कहा,“ मैं राज्यपाल से कहूंगा कि अगर आप बंगालियों की भावनाओं को समझना चाहते हैं और राज्य में एकता चाहते हैं तो बिल पर हस्ताक्षर करें और इसे छोड़ दें.

राज्य सरकार और राजभवन के बीच फिर तकरार होने की संभावना बढ़ने लगी है. राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस लगातार विश्वविद्यालयों का दौरा कर रहे हैं. इस पर नाराजगी जताते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बासु ने शुक्रवार को कहा,“ राज्यपाल के हर कदम पर उच्च शिक्षा विभाग ने उनका साथ दिया है. लेकिन वह मनमानी कर रहे हैं. मैं राज्यपाल सीवी आनंद बोस को राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर नहीं मानता.

मेरे लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य के विश्वविद्यालयों की नैतिक कुलाधिपति हैं. मैं राज्यपाल को नहीं, मुख्यमंत्री को ही चांसलर देखना चाहता हूं. मैंने कल उन्हें लिखा था. मुझे कोई उत्तर नहीं मिला.” मंत्री ने कहा कि यह निर्णय 2022 में विधानसभा में पारित हो चुका है, लेकिन राजभवन से विधेयक पारित नहीं होने के कारण अब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.

ब्रात्य ने कहा,“ मैं राज्यपाल से कहूंगा कि अगर आप बंगालियों की भावनाओं को समझना चाहते हैं और राज्य में एकता चाहते हैं तो बिल पर हस्ताक्षर करें और इसे छोड़ दें. अगर बिल वापस भेजा जाता है, तो इसे दोबारा विधानसभा में पास कराया जायेगा.” बता दें कि ब्रात्य बसु शुक्रवार दोपहर को राजभवन के समीप स्थित बीआर आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे. यहीं उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाया.

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गौरतलब है कि राज्यपाल का विश्वविद्यालय दौरा गत सोमवार से शुरू है. इसकी शुरुआत उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से की. इसके बाद वह बारासात विश्वविद्यालय एवं गुरुवार को प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय गये.

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