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मंत्री बनते ही मुश्किल में फिरहाद हकीम, नारदा मामले में TMC नेताओं पर केस चलाने को मंजूरी

Narada Scam Latest News: पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को संपन्न हो गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्व मंत्री फिरहाद हकीम को भी अपने नए कैबिनेट में शामिल किया है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पूर्व मंत्रियों और टीएमसी के शीर्ष नेताओं पर नारदा घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी है. इसमें फिरहाद हकीम, शोभन चटर्जी और सुब्रत मुखर्जी जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को संपन्न हो गया. इस बार ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल में 43 मंत्रियों को शामिल किया है. इसमें कई पुराने और नए चेहरे भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्व मंत्री फिरहाद हकीम को भी अपने नए कैबिनेट में शामिल किया है. वहीं, ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शामिल फिरहाद हकीम की मुश्किल भी बढ़ती जा रही है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पूर्व मंत्रियों और टीएमसी के शीर्ष नेताओं पर नारदा घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी है. इसमें फिरहाद हकीम, शोभन चटर्जी और सुब्रत मुखर्जी जैसे बड़े नाम शामिल हैं. नारदा मामले की जांच सीबीआई ने की है.

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फिरहाद हकीम को क्लीन चिट मिलने का भरोसा

नारदा घोटाले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के केस चलाने की मंजूरी पर टीएमसी और बीजेपी नेताओं में बयानबाजी भी देखी जा रही है. मामले पर मंत्री फिरहाद हकीम का कहना है उन्हें न्यायपालिका और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्हें क्लीन चिट मिलना तय है. उन्हें खुशी है मामले की सुनवाई कोर्ट में होने जा रही है. सोमवार को राजभवन में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद फिरहाद हकीम ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में अपनी बातें रखी. फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा कथित नारदा स्टिंग टेप सामने आने के दौरान बंगाल सरकार में मंत्री थे.


राज्यपाल और टीएमसी नेताओं में बढ़ा टकराव

अगर नारदा घोटाले में राज्यपाल की केस चलाने की मंजूरी को देखें तो इस पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और टीएमसी नेताओं के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. नारदा स्टिंग ऑपरेशन में शुभेंदु अधिकारी का नाम भी उछला था. शुभेंदु अधिकारी टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने नंदीग्राम में सीएम ममता बनर्जी को हराने में सफलता पाई है. हालांकि, लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने शुभेंदु अधिकारी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी थी. इसके कारण सीबीआई ने उन पर मुकदमा नहीं चलाया है. इसी के चलते पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ टीएमसी के दिग्गज नेताओं के निशाने पर भी आ चुके हैं.

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यहां समझिए नारदा स्टिंग ऑपरेशन की सच्चाई

साल 2014 में दिल्ली से एक पत्रकार के कोलकाता आने की सूचना सामने आई थी. पत्रकार ने अपने आपको एक व्यवसायी के रूप में प्रोजेक्ट किया था. उसने पश्चिम बंगाल में निवेश के नाम पर टीएमसी के सात सांसदों, चार मंत्रियों, एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी को नगद रुपए भी दिए थे. इस पूरे मामले को पत्रकार ने रिकॉर्ड कर लिया था. पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले टेप को पब्लिक डोमेन में लाया गया था. जिसके बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक खूब हंगामा हुआ था. अब, एक बार फिर से नारदा टेप केस हंगामा जारी है.

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