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भाई दूज क्यों मनाई जाती है?
पौराणिक मान्यताओं अनुसार यमुना के अनेकों बार अपने घर बुलाने के बाद यमराज इस दिन उनके घर गए थे. अपने भाई के आने की खुशी में यमुना ने यमराज को तरह-तरह के पकवानों का भोजन कराया और तिलक लगाकर उनके खुशहाल जीवन की कामना की थी. प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना से कोई वरदान मांगने को कहा तो ऐसे में यमुना ने कहा कि आप हर साल इसी दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मेरे घर आना और मेरी तरह जो भी बहन इस दिन अपने भाई को तिलक करेगी उसे तुम्हारा भय नहीं रहेगा. कहते हैं तभी से भाई दूज की शुरुआत हुई.
भाई दूज पूजा थाली ऐसे करें तैयार
भाई दूज पूजा थाली में सिंदूर, फूल, साबुत चावल के कुछ दाने, चांदी का सिक्का, पान का पत्ता, सूखा नारियल यानी गोला, फूल माला, कलावा, मिठाई, दूब घास और केला रखें.
भाई दूज पूजा मुहूर्त:
भाई दूज अपराह्न समय- 01:10 PM से 03:21 PM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारम्भ- 05 नवम्बर 2021 को 11:14 PM बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – 06 नवम्बर 2021 को 07:44PM बजे
पूजा करते समय पढ़ें ये मंत्र
बहन भाइयों की खुशी के लिए इस दिन पूजा के दौरान ये मंत्र भी पढ़ा जाता है.
मंत्र- ''गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े.
पूजा थाली में मिठाई
भाईदूज के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं. इसलिए पूजा की थाली में मिठाई का होना जरूरी होता है.
भाई दूज पर बहनें रखती हैं व्रत
भाई दूज के दिन जो बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं उन्हें तिलक से पहले भोजन नहीं करना चाहिए. तिलक लगाने के बाद भाई के साथ भोजन ग्रहण करें.
भाई दूज की कथा
भाई दूज की कथा मान्यताओं अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की. प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना से वर मांगने को कहा. यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे आपका भय नहीं रहेगा. यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया। कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई.
भाई दूज से जुड़ी पौराणिक कथा
मान्यताओं अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की. प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना से वर मांगने को कहा. यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे आपका भय नहीं रहेगा. यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया. कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई.
भाई दूज पूजा मुहूर्त:
भाई दूज अपराह्न समय- 01:10 PM से 03:21 PM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारम्भ- 05 नवम्बर 2021 को 11:14 PM बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – 06 नवम्बर 2021 को 07:44PM बजे
इसलिए कहा जाता है यम द्वितीया
ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमुना नदी के स्नान करने से नरक से मुक्ति पाई जा सकती है. इसलिए इस दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है.
घर-परिवार में होगा मंगल ही मंगल
भाई के माथे पर बहन के आशीष का सजेगा तिलक बहनें देंगी उपहार, घर-परिवार में होगा मंगल ही मंगल
नरक से मुक्ति…
ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमुना नदी के स्नान करने से नरक से मुक्ति पाई जा सकती है. इसलिए इस दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है.