Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में हर पर्व-त्योहार का विशेष महत्व होता है. हर महीने त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है, जो व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है और भगवान शिव की उपासना करता है उसे दुख दरिद्रता, संकट, रोग, कर्ज से छुटकारा मिलता है. प्रदोष व्रत हर महीने में 2 बार पड़ता है, इस साल का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा. मंगलवार के दिन पड़ने के कारण ये प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा. आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री…
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कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 08 जनवरी 2024 की रात 08 बजकर 59 मिनट पर
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कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 09 जनवरी 2024 की रात 08 बजकर 24 मिनट पर
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प्रदोष पूजा मुहूर्त – 05 बजकर 30 मिनट से 08 बजकर 11 मिनट तक
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अवधि – 02 घण्टे 41 मिनट्स
सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें, इसके बाद शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें. अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें. फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं.
शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें, इसके बाद घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें. अंत में ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें. अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें.
घी, दही, फूल, फल, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शहद, गंगाजल, सफेद चंदन, काला तिल, कच्चा दूध, हरी मूंग दाल, शमी का पत्ता पूजा सामग्री में जरूर शामिल करें.
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है, इसके साथ ही दरिद्रता का नाश होता है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है, इस दिन पूजा पाठ करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है. इतना ही नहीं इस दिन व्रत रख कर भगवान भोले के निमित्त रुद्राभिषेक करने से ही शीघ्र ही शादी के योग भी बनती है.