सीतामढ़ी / बैरगनिया : दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के दोषियों को शुक्रवार की सुबह फांसी की सजा मिलने के बाद पीड़ित परिजनों को तो न्याय मिल गया. लेकिन, बिहार की निर्भया के परिजनों को अब भी इंसाफ मिलने का इंतजार है. करीब 15 महीनों पूर्व सीतामढ़ी के बैरगनिया में आठवीं की छात्रा से गैंगरेप के बाद नृशंस हत्या कर दी गयी थी. लेकिन, अब तक पूर्णत: चार्जशीट भी दाखिल नहीं हो सकी है. यही नहीं, वारदात के मास्टरमाइंड के गिरेबां तक पुलिस अब तक नहीं पहुंच सकी है. मामले में दोषी को चिह्नित कर सजा दिलाने के लिए मृत छात्रा के परिजन स्थानीय थाने से लेकर डीजीपी तक न्याय की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन, करीब सवा साल गुजर जाने के बावजूद असली गुनाहगार तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है.
मामले में प्राथमिकी अभियुक्त शिवालय मंदिर रोड निवासी अनिल कुमार जेल में बंद है. वहीं, अप्राथमिकी आरोपित माई स्थान के राजा कुमार साह और मोहित कुमार जमानत पर बाहर हैं. जबकि, वार्ड 10 निवासी श्याम कुमार अब भी फरार है. इधर, मृतका की मां ने एसपी को आवेदन देकर कुछ लोगों पर रेप और हत्या में शामिल होने की आशंका जताते हुए आवेदन दिया था. इसमें एसपी ने कांड के अनुसंधानक और थानाध्यक्ष गौरीशंकर बैठा को कुछ बिंदुओं पर गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिये थे. पुलिस ने मामले में तीन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. जबकि, एक अन्य आरोपित श्याम कुमार की संलिप्तता को वरीय पुलिस पदाधिकारी ने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में सत्य पाते हुए गिरफ्तारी के निर्देश दिये है.
कांड के अनुसंधानक ने बताया कि फरार आरोपित को जल्द गिरफ्तार करते हुए पूरक चार्जशीट भी कोर्ट को समर्पित कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि मामले में हत्या और पॉक्सो एक्ट की सुसंगत धाराओ के अंतर्गत मामले में प्रथम चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है. हालांकि, पुलिसिया जांच से पीड़ित परिजन संतुष्ट नहीं है.
10 दिसंबर, 2018 को मृतका के पिता ने 14 वर्षीय पुत्री के अगवा होने की प्राथमिकी थाने में दर्ज करायी थी. वहीं, 11 दिसंबर, 2018 को रेलवे माल गोदाम के पास तालाबनुमा गड्ढे से छात्रा का वीभत्स शव बरामद किया गया था. घटना के बाद बैरगनिया बाजार बंद कर लोगों ने दोषी को सजा दिलाने के लिए उग्र आंदोलन भी किया था. इसमें आंदोलनकारियों पर पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी. मामले में एक दारोगा को निलंबित किया गया था. उसके बाद कांड के अनुसंधानक भी बदल दिये गये. वहीं, दो एसपी का भी तबादला हो चुका है. लेकिन, अब तक पीड़ित परिजनों को न्याय नहीं मिल सका है.
पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष ब्रजमोहन कुमार, प्रो राजकुमार सिंह समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पीड़ित परिजनों का कहना है कि पुलिस की जांच में अब तक ना तो वास्तविक घटनास्थल का पता चला है और ना ही वारदात के मास्टरमाइंड तक पुलिस पहुंच सकी है. जबकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मामले की जांच सीआईडी को सौंपे जाने के बाद जांच शुरू कर दी गयी है. इधर, जेल में बंद अनिल कुमार के भाई सुशील कुमार का कहना है कि उसका भाई निर्दोष है. जबकि, गुनाहगार बाहर हैं. वहीं, मामले में सोशल मीडिया पर पुलिस जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसके साथ ही निर्भया के दोषियो को फांसी दिये जाने के बाद छात्रा से गैंगरेप के बाद हत्या किये जाने का मामला एक बार फिर बैरगनिया में चर्चा का विषय बन गया है.