Bollywood Flashback : बॉलीवुड की कई ऐसी जोड़ियां हैं जिनकी प्रेम कहानी आज भी लोगों की जुबां पर है. वहीं कई ऐसे कपल्स भी हैं जिसने एकदूसरे को बेइंतहा चाहा लेकिन वो कभी एक ना हो सके. हिंदी सिनेमा की एक ऐसी है ही जोड़ी है राज कपूर (Raj Kapoor) और नरगिस (Nargis) का प्रेम कहानी. साल 1940 से लेकर 1950 तक नरगिस ने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. जिनमें आवारा, बरसात , दीदार और श्री 420 शामिल है. यह राज कपूर का दौर था.
नरगिस ने राज कपूर के साथ 16 फिल्मों में काम किया जिनमें से ज्यादातर फिल्में सफल रही. कहा जाता है दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थीं और दोनों एकदूसरे को दिल दे बैठे थे. लेखिका मधु जैन की किताब द कपूर्स के मुताबिक,’ जब बरसात बन रही थी, नरगिस पूरी तरह से राज कपूर के लिए समर्पित हो चुकी थीं.
जब स्टूडियो में पैसे की तंगी हुई तो नरगिस ने अपनी कीमती सोने की चूड़ियां तक बेचीं. उन्होंने दूसरे निर्माताओं की फिल्मों में काम करके आरके फिल्म्स की खाली तिजोरी को भरने का काम किया.’ साल 1984 में जब राजकपूर मॉस्को गये थे तो वे अपने साथ नरगिस को लेकर भी गये थे. यहीं से दोनों के बीच गलतफहमी शुरू हुई. साल 1956 में आई फिल्म ‘चोरी चोरी’ नरगिस और राजकपूर की जोड़ी वाली आखिरी फिल्म थी.
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ऐसे हुई थी नरगिस से राज कपूर की पहली मुलाकात
राज कपूर को अपनी पहली फिल्म के लिए एक स्टूडियो की तलाश थी. उन्हें पता लगा कि नरगिस की मां फेमस स्टूडियो में रोमियो एंड जूलिएट की शूटिंग कर रही हैं. वो जानना चाहते थे कि वहां किस तरह की सुविधाएं हैं? इस सिलसिले में राज कपूर जब उनके घर पहुंचे तो नरगिस ने खुद दरवाजा खोला. वो रसोई से दौड़ती हुई आई थीं, जहां वो पकौड़े तल रही थीं. गलती से उनके गाल पर बेसन लग गया था. इस तरह जब राज कपूर ने उन्हें देखा तो उन्हें बस देखते रह गए.
इस वजह से हुए थे अलग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरगिस औऱ राज कपूर दोनों शादी करना चाहते थे. उन्हें पता था कि राज के पहले से शादीशुदा होने की वजह से दोनों कानूनी शादी नही कर सकते. दोनों का करीब 9 साल तक अफेयर चला लेकिन बाद में नरगिस को यह एहसास होने लगा कि राज उन्हें उतना महत्व नहीं दे रहे हैं. बाद में राज की शादी और दोनों के परिवारों की नामंजूरी के चलते दोनों अलग हो गए.