साहिबगंज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. कभी डेंगू तो कभी ब्रेन मलेरिया का कहर बरपा है. दो माह पूर्व ही उधवा प्रखंड सहित कई प्रखंड में डेंगू का प्रकोप इस कदर बढ़ गया था कि डेंगू पॉजिटिव मरीज बिहार व बंगाल के अस्पतालों में जाकर अपना इलाज कराये. डेंगू का प्रकोप समाप्त हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली. 24 नवंबर 2023 से बरहेट प्रखंड, गोड्डा जिले के सुंदर पहाड़ी से सटे कुसमा गांव, छुछी गांव व पाकुड़ जिला से सटे किताजोर गांव में ब्रेन मलेरिया का बम फुटा पड़ा है. आंकड़ों पर गौर किया जाये तो 24 नवंबर से चार दिसंबर तक कुल 11 दिनों में मलेरिया व ब्रेन मलेरिया के 120 मामले सामने आये हैं. इनमें 113 ब्रेन मलेरिया व सात सामान्य मलेरिया के मामले हैं, जबकि एक जनवरी से 31 अक्तूबर 2023 तक के आकड़ों पर गौर करें तो दस माह में मात्र 70 मलेरिया व ब्रेन मलेरिया के मामले आये हैं. वहीं, मात्र 11 दिनों में तीन गांवों में 120 ब्रेन मलेरिया व सामान्य मलेरिया के मामले सामने आने से ग्रामीण दहशत में हैं.
दहशत में हैं छुछी, कुसमा व किताजोर गांव के लोग
बरहेट प्रखंड के सीमाई इलाकों के तीन गांव छुछी, कुसमा व किताजोर गांव में 24 नवंबर से भारी संख्या में ब्रेन मलेरिया व सामान्य मलेरिया के मरीज मिलने से जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का हाथ-पांव फुल गया है. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग तीनों गांवों में डोर-टू-डोर सर्वे करना प्रारंभ कर दिया. कैंप लगाकर संभावित मरीजों का ब्लड जांचने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. लोगों को मलेरिया से बचने के लिए जागरूक करने में लग गये. फिर भी एक साथ मलेरिया इतने मामले सामने आने पर उक्त तीनों गांवों के लोग डरे सहमे हुए हैं.
बरहेट प्रखंड के तीन गांवों में 11 दिनों में आए ब्रेन मलेरिया के आकड़ों ने एक जनवरी से 31 अक्तूबर 2023 का रिकॉर्ड तोड़ दिया. जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर तक जिले में कुल 70 मलेरिया के मामले सामने आये थे. इसमें 40 ब्रेन मलेरिया व 29 सामान्य मलेरिया के मामले थे. वहीं, 24 नवंबर 2023 से चार दिसंबर तक यानी 11 दिनों में मलेरिया के 120 मामले सामने आये. इसमें 113 मामले ब्रेन मलेरिया के एवं सात मामले सामान्य मलेरिया के हैं. इससे जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी नींद उड़ी है.
मलेरिया की रोकथाम के लिए 38 टीम जिले में कर रही है कार्य
बरहेट प्रखंड के छुछी, कुसमा व किताजोर गांव में ब्रेन मलेरिया एवं सामान्य मलेरिया के भारी संख्या में मामले आने पर जिला स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की 38 टीम जिलेभर में कार्य कर रही है. यह जानकारी जिला मलेरिया सलाहकार डॉ सती बाबू ने दी. बताया कि बरहेट प्रखंड में सात टीम कार्य कर रही है. एक टीम में एक सीएचओ व दो एमपीडब्ल्यू शामिल हैं. मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. संभावित मरीजों की जांच व दवा का वितरण कैंप लगाकर किया जा रहा है, जहां से बुखार के ज्यादा मामले आ रहे हैं उक्त गांव में टीम कैंप कर लोगों की स्वास्थ्य जांच व ब्लड की जांच कर रही है.
मच्छरदानी का उपयोग नहीं करना बीमारी का मुख्य कारण
मात्र 11 दिन के अंदर तीन गांवों में फैले ब्रेन मलेरिया व सामान्य मलेरिया के प्रकोप का प्रमुख कारण मच्छरदानी का उपयोग नहीं करना है. जिला मलेरिया सलाहकार डॉ सती बाबू ने कहा कि जिन तीनों गांवों में मलेरिया के मामले सामने आ रहे हैं उसमें पाकुड़ व गोड्डा जिला से सटे सीमाई इलाका है. तीनों पहाड़ी वाला गांव है. उक्त तीनों गांवों के लोग मच्छरदानी का उपयोग नहीं करते हैं. यही कारण है कि मलेरिया के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि जल्द ही मलेरिया पर काबू पा लिया जायेगा.
1 जनवरी से 31 अक्तूबर तक प्रखंडवार आकड़ा
प्रखंड का नाम – कुल संख्या – ब्रेन मलेरिया – सामान्य मलेरिया
साहिबगंज सदर- 00 00 00
बोरियो- 04 04 00
बरहेट – 29 22 07
पतना – 04 03 01
बरहरवा- 04 02 02
उधवा- 03 02 01
राजमहल- 22 06 16
तालझारी – 00 00 00
मंडरो- 00 00 00
सदर अस्पताल- 04 02 02
कुल मामले – 70 41 29
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
साहिबगंज के सिविल सर्जन ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की 38 टीमें क्षेत्र में काम कर रही है. चिह्नित गांव में कैंप लगाकर लोगों की जांच की जा रही है. आज टीम बरहेट के मेंटर पहाड़ गयी हुई है.
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