12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ईंधन का बेहतर विकल्प है ब्रिकेट, झारखंड के मंत्री डॉ रामेश्वर बोले- जलावन के साथ- साथ लोगों को मिलेगा रोजगार

Jharkhand News (लोहरदगा) : इको फ्रेंडली ब्रिकेट में कई खूबियां देखी जा रही है. इसके निर्माण से जहां पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, वहीं ताप एवं व्यय जैसे बिंदुओं पर भी कोयला की तुलना में अधिक गुणवत्तापूर्ण है. साथ ही इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा. इस ईंधन के प्रयोग से जंगल में सूखे पत्तों के कारण लगने वाली आग में, जलावन के लिए लकड़ी की अवैध कटाई पर रोक एवं प्रदूषण स्तर में काफी कमी आयेगी. कोयले एवं लकड़ी की तुलना में ब्रिकेट का उपयोग उद्योगों के लिए भी आर्थिक रूप से अधिक किफायती होगा.

Jharkhand News (लोहरदगा) : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अभिनव सोच और कार्ययोजना से कोयले और लकड़ी का विकल्प ब्रिकेट अब धरातल पर उतरने को तैयार है. इको फ्रेंडली ब्रिकेट के उत्पादन को लेकर बुधवार को राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा जिला अंतर्गत किस्को प्रखंड के तिसिया ग्राम में ब्रिकेटिंग प्लांट का उद्घाटन किया.

बता दें कि इको फ्रेंडली ब्रिकेट में कई खूबियां देखी जा रही है. इसके निर्माण से जहां पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, वहीं ताप एवं व्यय जैसे बिंदुओं पर भी कोयला की तुलना में अधिक गुणवत्तापूर्ण है. साथ ही इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा. इस ईंधन के प्रयोग से जंगल में सूखे पत्तों के कारण लगने वाली आग में, जलावन के लिए लकड़ी की अवैध कटाई पर रोक एवं प्रदूषण स्तर में काफी कमी आयेगी. कोयले एवं लकड़ी की तुलना में ब्रिकेट का उपयोग उद्योगों के लिए भी आर्थिक रूप से अधिक किफायती होगा.

उद्घाटन के मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि ईंधन के रूप में ब्रिकेट बहुत बेहतर विकल्प है. इससे ना सिर्फ जलावन के लिए एक बेहतर विकल्प मिल गया है, बल्कि इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वर्तमान सरकार रोजगार सृजन के क्षेत्र में बहुत ही बेहतर कार्य कर रही है.

Also Read: Jharkhand News : लोहरदगा में कोयले व लकड़ी का विकल्प इको फ्रैंडली ब्रिकेट हो रहा तैयार, ग्रामीणों को हो रही आमदनी, नये रोजगार से रुकेगा पलायन

मंत्री श्री उरांव ने कहा कि मनरेगा के जरिये भी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. मनरेगा में राज्य सरकार के प्रयास से दैनिक मजदूरी दर 194 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये कर दी गयी है. यह कार्य झारखंड सरकार ने अपने कोष से किया है. लोगों को रोजगार मिले, सरकार की यही सोच है. इस योजना के यहां के डीसी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी आदि बधाई के पात्र हैं. उन्होंने ब्रिकेट प्लांट को अन्य जिलों में स्थापित करने पर जोर दिया.

जंगल को बचाने का बेहतर प्रयास : धीरज प्रसाद साहू

वहीं, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा कि जंगल को बचाने के लिए यह बहुत ही बेहतर प्रयास है. ग्रामीण जो वन के आसपास रहते हैं, उन्हें अगर वन के पत्तों को मूल्य मिल रहा है, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है. इससे जंगल को बचाने में मदद मिलेगी. ट्रायल में पाया गया है कि यह कोयले से भी कारगर है. इस प्रयास के लिए डीसी समेत अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों का जिसका इस परियोजना को धरातल में उतारने का श्रेय जाता है, वे सभी बधाई के पात्र हैं.

400 परिवार को मिल रहा रोजगार : डीसी

मौके पर डीसी दिलीप कुमार टोप्पो ने कहा कि SCA मद से यह योजना शुरू की गयी है. इस योजना में जंगल के पत्तों को चुनकर ग्रामीण इस प्लांट में लायेंगे जिससे ईंधन तैयार होगा. प्रति किलो पत्ते के लिए दो रुपये की दर से ग्रामीणों को भुगतान किया जा रहा है. ट्रायल के रूप से कुछ टन ब्रिकेट तैयार किये गये हैं. इस प्लांट के स्थापित होने से सीधे तौर पर 400 परिवार को रोजगार प्राप्त हो रहा है.

Also Read: सगाई के बावजूद चतरा की युवती ने की Love Marriage, रिश्ते से आहत हुए परिजन, पुतला बनाकर कर दिया अंतिम संस्कार

डीसी श्री टोप्पो ने कहा कि इस प्लांट के शुरू हो जाने से अब जंगलों की अनावश्यक कटाई में नियंत्रण पाया जा सकेगा. लोगों को रोजगार उपलब्ध होने से उनका पलायन रूकेगा. उन्हें आर्थिक लाभ होगा. आग लगने की घटनाएं कम होंगी. जो लकड़ी या कोयला का उपयोग ईंधन के रूप से करते हैं उनके वैकल्पिक ईंधन के रूप से यह बहुत अच्छा विकल्प सिद्ध होगा. प्रदूषण भी नहीं के बराबर होगा. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी अखौरी शशांक सिन्हा द्वारा दिया गया. मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें