कुदरत के कारनामे भी अजीब होते हैं, पल में खुशियां देता है तो पल भर में छीन भी लेता है. ऐसी ही एक किस्सा बक्सर में हुआ जब मुन्नी देवी के पति घनश्याम अपने श्राद्ध कर्म के 30 वर्ष बाद लौटा तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. पति को मरा हुआ मानकर तीस साल तक विधवा की तरह जीवन व्यतीत करने वाली मुन्नी देवी को यकीन नहीं हो रहा था कि उसका सुहाग वापस लौट आया है.
30 साल पहले के घनश्याम तेली अपने गांव के चौक पर पान की दुकान चलाकर बीवी बच्चों का भरण पोषण और परवरिश कर रहे थे. लेकिन तभी एक दिन अचानक घनश्याम घर से दुकान के लिए निकले वह बक्सर के बस स्टैन्ड से लापता हो गए और घर वापस नहीं आए. शाम तक जब वह घर नहीं लौटे तो खोजबीन शुरू की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. खोजबीन होती रही समय बीतता रहा और मुन्नी देवी ने पति के लौटने की आस लगाए रखी.
घनश्याम घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य था ऐसे में उसके गायब होने से परिवार पर धीरे धीरे आर्थिक दबाव बढ़ता चला गया. जब घनश्याम गायब हुआ उस वक्त मुन्नी देवी गर्भवती थी और पहले से भी उसका एक बच्चा था. लेकिन जब पति लापता हुआ तो पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. काफी खोजबीन के बाद घनश्याम का कही कुछ पता नहीं चला तो उसे मृत मां कर परिजनों ने उसका श्राद्ध कर्म कर दिया. ऐसे में जब वर्षों बाद घनश्याम लौटा तो लोग यकीन नहीं कर पाए.
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तीन दिन पहले झांसी पुलिस ने कोरानसराय पुलिस को फोन कर सूचना दिया कि उन्होंने झांसी के बिरबुआ उरई से मानव तस्करों के सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके चंगुल में फंसे पांच लोगों को भी मुक्त कराया है. मुक्त कराए गए लोगों में से एक व्यक्ति खुद को भोजपुर जिला अंतर्गत कोरानसराय का निवासी घनश्याम नाम बता रहा है. इसके बाद जब घनश्याम के परिजनों क इस बात की जानकारी दी गई. मुन्नी देवी ने जब अपने पति को जीवित देखा तो उसके आंसू नहीं रुके.