साहिबगंज : 1000 करोड़ के अवैध खनन व मनी लांड्रिंग के मामले में जांच कर रही इडी के गवाह नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा केस की जांच में एक दिन के लिए सीबीआइ आयी थी. जांच कर वापस लौट गयी है. केस कई मोड़ से होकर गुजरा. जांच का दायरा कभी धीमा तो कभी तेज दिखा. मामला तो तब तूल पकड़ा, जब हाइकोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने का आदेश जारी कर दिया. कोर्ट के आदेश के बाद अवैध पत्थर कारोबारी व लोगों में हड़कंप मच गया. लोगों को लगने लगा की जांच में अब कुछ अलग चीज सामने आनेवाली है. लेकिन अचानक से केस में बदलाव आ गया. विजय हांसदा ने अलग बयान दिया. कहा कि मुझे इस केस के बारे जानकारी नहीं है. किसी ने मुझे पेपर पर दस्तखत करने को कहा था. इसके बाद 23 अक्तूबर को एसडीपीओ राजेंद्र दुबे ने कोर्ट के समक्ष चार्टशीट दाखिल कर दिया. गौरतलब है कि सीबीआइ विजय हांसदा के केस में सबसे पहले 24 अगस्त सुबह पड़ताल शुरू की थी. दो सदस्यीय टीम नगर थाना स्थित एसटीएससी थाने पहुंची. इसके बाद तत्कालीन एसटीएससी थाना प्रभारी सोनी खालको से कई सवाल किय गये. कई दस्तावेजों के बारे भी पूछताछ हुई.
दो सदस्यीय दूसरी टीम एसपी कार्यालय पहुंचकर एसपी नौशाद आलम से भी मुलाकात की. जांच के दौरान हर संभव सहयोग का वादा किया है. 25 अगस्त की अहले सुबह सीबीआई की चार सदस्यीय की टीम मंगलहाट पहुंची. सुबेश मंडल को उसके घर से पूछताछ के लिए सर्किट हाउस जायी. विजय द्वारा दर्ज एसटीएससी थाना कांड 06/23 में सुबेश मंडल का भी नाम शामिल था. उसी दिन दोपहर में जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां खदान की लीज से संबंधित व जमीन के मामले में भी कई जानकारी ली गयी. इसके बाद एसटीएससी थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह को सीबीआई उसी दिन करीब 2:30 बजे सर्किट हाउस बुलाकर पूछताछ की थी. उन्होंने बताया कि उस समय मैं थाना प्रभारी के रूप में पदस्थापित नहीं था. तत्कालीन एसटीएससी थाना प्रभारी सोनी खलको थी. इसके बाद 1000 करोड़ के अवैध खनन की जांच कर रही इडी के गवाह विजय हांसदा को सीबीआइ ने सर्किट हाउस स्थित अस्थायी कार्यालय में बुलाया. सीबीआइ के आगमन के बाद से ही विजय हांसदा के घर के बाहर सुरक्षा के इंतजाम किये गये थे. चार की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. इधर, सीबीआई के समक्ष पहुंचे नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा से सीबीआई ने कई सवाल किए थे. पूछताछ के दौरान सीबीआइ विजय हांसदा के वकील को भी बुलाया, जहां उनसे भी केस से संबंधित कई सवाल के बारे जानकारी ली गयी थी. 26 अगस्त को भी जांच की प्रक्रिया को तेज रखा था. सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम दो वाहनों से भवानी चौकी गयी थी. नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा के घर जाकर पूछताछ की थी. सूत्रों की माने तो विजय के घर में उसे समय कोई नहीं था. इस दौरान सीबीआइ ने वर्ष 2021 मे मारीकुटी व माझीकोला पहाड़ के निकट निजी बैरियर बनाकर पैसे उठाने के मामले में पुलिस व मांझीकोला के ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ था. इसके बारे में भी सीबीआइ ने ग्रामीणों से पूछताछ की थी.
तकरीबन 45 मिनट के बाद पवित्र यादव सर्किट हाउस से बाहर निकले. करीब दो घंटे के बाद पुनः सर्किट हाउस में दाखिल हुए थे. शायद पवित्र यादव जब पहले जब सीबीआइ के आये थे, तो उस समय उनके पास दस्तावेज व कागजातों में कुछ कमी पायी गयी थी. जिसको लेकर उन्हें पुनः दो घंटों के बाद सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ आने को कहा गया था. शाम करीब 3:45 बजे सकरीगली निवासी संजय यादव भी एक साथी के साथ सर्किट हाउस पहुंचे. संजय यादव से सीबीआइ एक दिन पूर्व भी पूछताछ की थी. संजय यादव से कई मामलों में पूछताछ की गयी थी. अंतिम दिन 28 अगस्त को सीबीआई की टीम ने पांच दिन प्रारंभिक जांच कर सभी दस्तावेजों को इकट्ठी कर उसी शाम वनांचल एक्सप्रेस से वापस चली गयी है. इसके बाद 24 नवंबर को सीबीआई की तीन सदस्य टीम सीनियर पीपी के नेतृत्व में साहिबगंज पहुंची थी. इसके बाद कोर्ट पहुंचकर विजय हांसदा केस के अनुसंधानकर्ता द्वारा दाखिल किये गये चार्टशीट का अवलोकन किया था. पुनः छह दिन बाद 29 नवंबर को इसी मामले में एक दिन के लिए सीबीआइ यहां आयी. फिर कोर्ट जाकर कुछ कागजात को देखा. पुनः अवलोकन किया. उसी दिन शाम रांची वापस हो गयी.
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