Chaitra Navratri 2022: 9 अप्रैल दिन शनिवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से…
मां महागौरी का रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है . इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है. मां शैलपुत्री की तरह इनका वाहन भी बैल है . इसलिए इन्हें भी वृषारूढ़ा कहा जाता है.
देवी मां की पूजा के साथ ही कुमारियों और ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए. विशेष रूप से कुमारियों को घर पर आदर सहित बुलाकर उनके हाथ-पैर धुलवाकर, उन्हें आसन पर बिठाना चाहिए और उन्हें हलवा, पूड़ी और चने का भोजन कराना चाहिए. भोजन कराने के बाद कुमारियों को कुछ न कुछ दक्षिणा देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेना चाहिए. इससे देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मन की मुरादें पूरी करती हैं.
सर्वप्रथम भगवान गणेश और मां महागौरी का ध्यान करें.
मां के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें.
मां महागौरी को सात बार सिंदूर अर्पित करें.
सुहागन स्त्रियों को ये सिंदूर बाद में अपनी मांग में लगाना चाहिए.
कुमकुम या रोली से मां का तिलक करें और मां को लाल चुनरी अर्पित करें और समृद्धि व सौभाग्य की कामना करें.
अब मां को फल, फूल मिष्ठान व भोग अर्पित करें.
मां महागौरी की कृपा प्राप्ति के लिए उनके आराधना मंत्र का जाप करें.
शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी को नारियल व हलवा का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
नवरात्रि के आठवें दिन होती है मां महागौरी की पूजा, जानें पूजा विधि,
मां महागौरी की सवारी-
मां महागौरी का वाहन बैल और सिंह हैं.
शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी को सफेद रंग अतिप्रिय है. हालांकि माता रानी की पूजा करते समय गुलाबी रंग के कपड़े पहनना उत्तम माना गया है. मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं और गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है. पूजा के दौरान पीले या सफेद वस्त्र भी धारण किये जा सकते हैं.
आज आपको महागौरी के इस मंत्र का 21 बार जप करके लाभ उठाना चाहिए . मंत्र है-
सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके.
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते..