Chaitra Navratri 2022, Maa Kalratri Puja: आज चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन किया जाएगा. इस दिन साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित होता है. ये दुष्टों का संहार करती हैं. इनका रूप देखने में अत्यंत भयंकर है परंतु ये अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल प्रदान करती हैं, इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है.
मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से ऊपर का दाहिना हाथ वरद मुद्रा में और नीचे का हाथ अभयमुद्रा में रहता है. जबकि बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और निचले हाथ में खड़ग है.
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मां कालरात्रि की पूजा के लिए सुबह चार से 6 बजे तक का समय उत्तम माना जाता है.
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इस दिन प्रातः जल्दी स्नानादि करके मां की पूजा के लिए लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
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इसके बाद मां के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें.
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अब फल-फूल मिष्ठान आदि से विधिपूर्वक मां कालरात्रि का पूजन करें.
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पूजा के समय मंत्र जाप करना चाहिए, तत्पश्चात मां कालरात्रि की आरती करनी चाहिए.
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इस दिन काली चालीसा, सिद्धकुंजिका स्तोत्र, अर्गला स्तोत्रम आदि चीजों का पाठ करना चाहिए.
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इसके अलावा सप्तमी की रात्रि में तिल के तेल या सरसों के तेल की अखंड ज्योति भी जलानी चाहिए
सप्तमी नवरात्रि पर मां को खुश करने के लिए गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं. अगर आपको भी किसी चीज़ का भय बना रहता है तो आज मां कालरात्रि का ध्यान करके उनके इस मंत्र का जप अवश्य ही करना चाहिए.
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि.
जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥
अगर आपके जीवन में हमेशा पैसों आभाव बना रहता है या आप अपनी आर्थिक स्थिति और बेहतर करना चाहते हैं, तो आज मां कालरात्रि को गुड का भोग लगा कर प्रणाम करके, उनके इस मंत्र का दो माला यानि 216 जाप करें . मंत्र है –
ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि.
संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ..
अगर आप व्यापार में अपने विरोधियों को पछाड़ना चाहते है, तो आज देवी कालरात्रि के सामने गुग्गुल की धूप दिखाने के बाद पूरे घर में भी धूप दिखाएं . साथ ही उनके इस मंत्र का 108 बार जाप करें.
मंत्र है-
ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी.
एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ..