Chaitra Navratri Durga Ashtami 2022: नवरात्रि के दौरान अष्टमी व नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इन दो विशेष लाभ होता है. माता सुख-समृद्धि व निरोग रहने का आशीर्वाद देती है. अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi 2022) पर माता महागौरी के अलावा कन्या पूजन की भी परंपरा होती है. जिसके बिना अष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है. जान लें दुर्गाअष्टमी पूजा विधि, कन्या पूजन विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व…
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अष्टमी के दिन कन्या पूजन करनी चाहिए
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इसके लिए सुबह स्नानादि करके भगवान गणेश व महागौरी की पूजा अर्चना करें
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फिर 9 कुंवारी कन्याओं को घर में सादर आमंत्रित करें
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उन्हें सम्मान पूर्वक आसन पर बिठाएं
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फिर शुद्ध जल से उनके चरणों को धोएं
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अब तिलक लगाएं,
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रक्षा सूत्र बांधें और उनके चरणों में पुष्प भेंट करें
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अब नयी थाली में उन्हें पूरी, हलवा, चना आदि का भोग लगाएं
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भोजन के बाद कुंवारी कन्याओं को मिष्ठान व अपनी क्षमता अनुसार द्रव्य, कपड़े समेत अन्य चीजें दान करें.
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अंतिम में उनकी आरती करें व चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें
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फिर संभव हो तो सभी कन्याओं को घर तक जाकर विदा करें.
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ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर अष्टमी पूजा (Durga Ashtami 2022) करना बेहद शुभ होता है.
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इस दौरान मां महागौरी के स्वरूप में जागृति होती है
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माता महागौरी के मंत्र व हवन के माध्यम से उनसे सुख समृद्धि, मान-सम्मान व आरोग्य रहने का आशीर्वाद मांगा जा सकता है.
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विधिपूर्वक मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का भी निवारण होता है.
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चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि या चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गाष्टमी होती है. इस वर्ष 09 अप्रैल को दुर्गाष्टमी है.
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अष्टमी तिथि का प्रारंभ 08 अप्रैल को रात 11:05 बजे से हो रहा है, जो 09 अप्रैल को देर रात 01:23 बजे तक है.
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इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:02 बजे तक है और सुकर्मा योग दिन में 11:25 बजे से लग रहा है. दिन का शुभ मुहूर्त 11:58 बजे लेकर दोपहर 12:48 बजे तक है. इन शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं.