Chaitra Navratri 2022 Paran Time: चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि 10 अप्रैल को है. नवरात्रि व्रत रख रहे भक्त नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत का पारण करते हैं. नवमी के दिन 2 साल से लेकर 11 साल की कन्याओं को घर बुला कर भोग लगाने और आदर सत्कार करने का रिवाज है. जानें चैत्र नवरात्रि 2022 कन्या पूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि और पारण का समय क्या है?
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है. इस दिन भी कन्या पूजन का विधान है. मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था.
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नवमी तिथि 10 अप्रैल रात्रि 1 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी.
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नवमी तिथि 11 अप्रैल सुबह 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगी.
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इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है.
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इस दिन सुबह से ही कन्या पूजन किया जा सकता है.
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कन्या पूजन के लिए 5 से 10 साल तक की 9 कन्या को घर बुलाएं.
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जब 9 कन्या घर पर पधारें, तो उनका स्वागत करें.
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सबसे पहले उनके चरण धोएं.
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आसान बिछा करे उन्हें उचित स्थान पर बैठाएं.
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कन्याओं के माथे पर रोली लगाएं.
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उनकी आरती करते हुए मां दुर्गा का ध्यान करें.
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पूरी, हलवा और काले चने की सब्जी या इच्छा अनुसार भोजन कराएं.
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भोजन के बाद 9 कन्या को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार दें.
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पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें सम्मान के साथ विदा करें.
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हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत पारण के लिए नवमी तिथि या दशमी तिथि को उत्तम माना गया है.
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नवरात्रि व्रत पारण करने के लिए नवमी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें.
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नवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करें.
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मां को फल, फूल, पान, सुपारी अक्षत और सिंदूर अर्पित करें और हवन करने के बाद कन्या पूजन करें.
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कन्या पूजन में नौ कन्याओं को अपने घर बुला कर उन्हें सात्विक भोजन करवाएं.
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पारण के लिए सही समय नवमी तिथि के समापन या दशमी तिथि का आरंभ समय अच्छा होता है.
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यदि दशमी को पारण करते हैं तो सूर्योदय के बाद पारण करना उत्तम माना गया है.
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व्रत का पारण माता का प्रसाद खाकर ही करें.