Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि के समान, नौ दिनों की होती है. चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित होती है. माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. चैत्र नवरात्रि के लिये घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को होती है जो कि हिन्दु कैलेण्डर का पहला दिवस होता है. यानी भक्त साल के प्रथम दिन से अगले नौ दिनों तक माता की पूजा कर वर्ष का शुभारम्भ करते हैं. चैत्र नवरात्रि को वसन्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. भगवान राम का जन्मदिवस चैत्र नवरात्रि के अन्तिम दिन पड़ता है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रही है. कौन से दिन कौन सी तिथि पड़ रही है? चैत्र नवरात्रि 2022 के नौ दिनों में कौन से दिन माता दुर्गा के किस रूप की पूजा होगी जानने के लिए आगे दखें पूरी लिस्ट.
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त – 06:10 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12:00 पी एम से 12:50 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 01, 2022 को 11:53 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 02, 2022 को 11:58 ए एम बजे
नवरात्रि का दिन 1- 2 अप्रैल- घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
नवरात्रि का दिन 2- 3 अप्रैल- ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि का दिन 3- 4 अप्रैल- चन्द्रघन्टा पूजा
नवरात्रि का दिन 4- 5 अप्रैल- कुष्माण्डा पूजा
नवरात्रि का दिन 5- 6 अप्रैल- स्कन्दमाता पूजा
नवरात्रि का दिन 6- 7 अप्रैल- कात्यायनी पूजा
नवरात्रि का दिन 7- 8 अप्रैल- कालरात्रि पूजा
नवरात्रि का दिन 8- 9 अप्रैल- दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा
नवरात्रि का दिन 9- 10 अप्रैल- राम नवमी पूजा
नवरात्रि का दिन 10- 11 अप्रैल- नवरात्रि व्रत पारण
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा, सभी भाग्य का प्रदाता, देवी शैलपुत्री द्वारा शासित होता है और चंद्रमा के किसी भी बुरे प्रभाव को आदि शक्ति के इस रूप की पूजा करने से दूर किया जा सकता है.
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि सभी भाग्य के प्रदाता भगवान मंगल, देवी ब्रह्मचारिणी द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शुक्र ग्रह देवी चंद्रघंटा द्वारा शासित है.
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि देवी कुष्मांडा सूर्य को दिशा और ऊर्जा प्रदान करती हैं. इसलिए भगवान सूर्य देवी कुष्मांडा द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बुद्ध ग्रह देवी स्कंदमाता द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह देवी कात्यायनी द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह देवी कालरात्रि द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि राहु ग्रह देवी महागौरी द्वारा शासित है.
नवरात्रि में नवमी तिथि यानी अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरुप मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. इस दिन हवन के बाद कन्या पूजन किया जाता है.
चैत्र नवरात्रि पारण तब किया जाता है जब नवमी तिथि समाप्त हो जाती है और दशमी तिथि प्रबल होती है.
चैत्र नवरात्रि पारण सोमवार, अप्रैल 11, 2022 को
चैत्र नवरात्रि पारण समय – 06:00 सुबह के बाद
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 10, 2022 को 01:23 ए एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 11, 2022 को 03:15 ए एम बजे