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कहां-कहां दिखाई चंद्रग्रहण
भारत के साथ साथ चंद्रग्रहण एशिया,यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी देखा जा सकेगा. लेकिन इसमें चांद के आकार में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. सिर्फ चांद थोड़ा सा मटमैला रंग का दिखाई देगा.
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ख्याल
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. चंद्र ग्रहण देखने से पेट में पल रहे शिशु पर उसका दुष्प्रभाव पड़ सकता हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय लोहे की नुकिली चीजों से दूर रहना चाहिए.
ग्रहण के दौरान होता है व्यावहार परिवर्तन
चंद्र और सूर्य ग्रहण हमारे चारों ओर विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र, गुरुत्वाकर्षण बल और प्रकाश ऊर्जा में विभिन्न परिवर्तनों का कारण बनते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि व्यवहार परिर्वतन के अलावा इस दौरान कार्डिक, गैस्ट्रिक और हार्मोनल परिवर्तन भी शरीर में देखें गए हैं जिसकी वजह से इस तरह की एमरजेंसी में डॉक्टर से परामर्श की संख्या भी बढ़ जाती है.
चंद्रग्रहण में खाने-पीने का रखें खास ख्याल
चंद्रग्रहण के दौरान ग्रहण से दो घंटे पहले हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाएं और न ही पीएं. ग्रहण से पहले करें उसमें आप हल्दी भी डाल सकते हैं. इस दौरान तुलसी की चाय भी पी सकते हैं.
यहां देख सकते हैं लाइव चंद्र ग्रहण
वर्चुअल टेलिस्कोप के द्वारा आप www.virtualtelescope.eu पर लाइव चंद्रग्रहण देख सकते हैं. इसके अलावा आप इसे यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी देख सकते हैं.
साल 2020 में होने वाले हैं और दो चंद्रग्रहण
05 जुलाई, रविवार को सुबह 08:38 बजे से 11:21 बजे तक.
30 नवंबर, सोमवार को दोपहर 1:34 बजे से शाम 5:22 बजे तक.
तीन प्रकार के होते हैं चंद्रग्रहण
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण, उपच्छाया चंद्रग्रहण
पूर्ण चंद्रग्रहण - जब पृथ्वी की छाया जब पूरी तरह से चंद्रमा पर पड़ती है तो पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है. इसे नंगी आंखों से बेहद आसानी से देखा जा सकता है.
आंशिक चंद्रग्रहण - ऐसे में पृथ्वी की छाया आंशिक रूप से चंद्रमा पर पड़ती है तब आंशिक चंद्रग्रहण लगता है. इसे भी बिना दूरबीन के देखा जा सकता है.
उपच्छाया चंद्रग्रहण - उपछाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है. ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है. इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है.
क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण, आइए जानें
साल का दूसरा चंद्रग्रहण कल यानी 5 जून 2020 को लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा यानी कि यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण के मुकाबले धुंधला होगा. ग्रहण में सूतक काल का काफी महत्व होता है.पर कल होने वाले चंद्रग्रहण सूतक काल मान्य नहीं होगा. चंद्रग्रहण में सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण में जब पृथ्वी की छाया वाले क्षेत्र में चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी बहुत ही कम पड़ती प्रतीत होती है. इसे ही उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं.
कैसे लगता है चंद्र ग्रहण
असल में यह एक खगोलीय घटना होती है. चंद्रग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाता है. उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है. जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है.