साहिबगंज के सेंट जेवियर स्कूल और खूंटी जिले के छत्रपाल सिंह मुंडा को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए मानस संस्कार सम्मान के लिए चयन किया गया है. इसके साथ साहिबगंज जिले के पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश और वर्तमान में लोहरदगा उपभोक्ता फोरम के जिला जज बीडी तिवारी व मालदा रेल के सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर (सीनियर डीएमई) एसके तिवारी को भी यह सम्मान प्रदान किया जाएगा. 1 मार्च को भारत वार्ता प्रकाशन समूह की ओर से अयोध्या के कलावती रामचंद्र पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित अयोध्या संवाद के मौके पर देशभर में बेहतर काम करने वाले 11 व्यक्ति और संस्थाओं को मानस संस्कार सम्मान प्रदान किया जाएगा. इनके अलावे रामचरितमानस की कथा कहने वाले मानस मर्मज्ञ मानस सम्मान से नवाजे जाएंगे.
समारोह आयोजन समिति के सदस्य डॉ. सुरेंद्र नाथ तिवारी और अखिलेश दुबे ने बताया कि 1957 में स्थापित और ईसाई संस्था द्वारा संचालित साहिबगंज सेंट जेवियर स्कूल अपने लोगों के जरिए पश्यत्यात्मानमात्मना का संदेश दे रहा है. इसका अर्थ है आत्मा से आत्मा को देखना. माण्डूक्योपनिषद् का यह मंत्र इस तरह है–आत्मैव संविशत्यात्मना आत्मानं, अर्थात् जीवात्मा आत्मा से परमात्मा में प्रविष्ट हो जाता है. इस स्कूल के प्रिंसिपल फादर हिलेरी डिसूजा को यह सम्मान मिलेगा.
खूंटी जिले के रहने वाले भारतीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के पूर्व अधिकारी 70 वर्षीय छत्रपाल सिंह मुंडा रामचरितमानस का मुंडारी में पद्यानुवाद कर रहे हैं. इसके 50 साल पहले उनके बड़े पिताजी ने मुंडारी भाषा में रामचरितमानस का अनुवाद किया था. जिसको लिखने का काम छत्रपाल सिंह ने किया था. अब यह कविता की शक्ल में मानस को मुंडारी भाषा में लिख रहे हैं. वह मुंडा जनजाति के लोगों के बीच रामचरितमानस की कथा बांचने का भी काम कर रहे हैं. साहिबगंज में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके बीडी तिवारी व एएमई रह चुके एसके तिवारी अपने उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किए जाएंगे. यह सम्मान आचार्य किशोर कुणाल और राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के हाथों यह सम्मान दिया जाएगा.
इस मौके पर भारत वार्ता प्रकाशन समूह की ओर से रामचरितमानस में सामाजिक न्याय विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी जिसमें देशभर से आए मानस मर्मज्ञ शिरकत करेंगे और रामचरितमानस की महत्ता पर विचार रखेंगे. अयोध्या के कलावती रामचंद्र पब्लिक स्कूल परिसर में तुलसी का पहला पौधा लगाकर हर-हर मानस, घर-घर तुलसी अभियान का शुभारंभ किया जाएगा. कार्यक्रम की सहसंयोजक अखिलेश दुबे ने बताया कि रामचरितमानस और गोस्वामी तुलसीदास की महत्ता से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए यह आयोजन देश ये सभी प्रमुख शहरों और नेपाल, मॉरीशस समेत दूसरे देशों में में भी किया जाएगा.