अनिला भेंडिया छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग की मंत्री हैं. पेट्रोल पंप चलाती हैं. स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वालीं अनिला भेंडिया वर्ष 2009 में दुर्ग की जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं थीं. वर्ष 2011 में वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य बनीं. वर्ष 2013 में पार्टी ने पहली बार उनको विधानसभा का टिकट दिया और वह विधायक बनीं. वर्ष 2018 में दूसरी बार निर्वाचित होकर छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचीं.
2018 में भूपेश बघेल की सरकार में बनीं मंत्री
वर्ष 2014 से 2019 को छत्तीसगढ़ विधानसभा की महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2018 में जब प्रचंड बहुमत के साथ भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई, तो अनिला भेंडिया को कैबिनेट में जगह मिली. उन्हें महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया.
डौंडी-लोहारा में हुआ 80.92 फीसदी मतदान
कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अनिला भेंडिया ने वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लाल महेंद्र सिंह टेकाम को 33 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित कर दिया. डौंडी-लोहारा (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,06,010 मतदाता थे, जिनमें से 1,66,703 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस सीट पर कुल 80.92 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें आधे से अधिक मतदाताओं ने कांग्रेस की अनिला भेंडिया के पक्ष में मतदान किया.
Also Read: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने महादेव ऐप विवाद पर पीएम मोदी को घेरा, पूछे ये सवाल
40.46 फीसदी वोट पाकर जीतीं थीं कांग्रेस की अनिला
अनिला भेंडिया को 40.46 फीसदी वोट (67,448) प्राप्त हुए. बीजेपी के लाल महेंद्र सिंह टेकाम को 34,345 (20.60 फीसदी) वोट मिले. निर्दलीय उम्मीदवार देव लाल ठाकुर को 21,360 (12.81 फीसदी) वोट प्राप्त हुए. चौथे स्थान पर भी एक निर्दलीय उम्मीदवार ही रहे. इनका नाम जनक लाल ठाकुर है. उनको 19,242 (11.54 फीसदी) वोट प्राप्त हुए.
बालोद के कोसमी गांव में हुआ था जन्म
बालोद जिले के कोसमी गांव में 25 फरवरी 1967 को देवीलाल नायक के घर जन्मीं अनिला भेंडिया का 5 जून 1983 को रवींद्र कुमार भेंडिया से विवाह हुआ. रवींद्र कुमार अब इस दुनिया में नहीं हैं. अनिला भेंडिया की दो संतानें हैं. दोनों पुत्र हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्री सामाजिक कार्य और कृषि में रुचि रखतीं हैं. उन्होंने भूटान की यात्रा की है.
Also Read: छत्तीसगढ़ : 4 बार विधायक और 3 बार सांसद रहे डॉ चरणदास महंत, सक्ती विधानसभा सीट से लड़ रहे चुनाव
लगातार दो बार जीत चुकीं हैं अनिला भेंडिया
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित डौंडी-लोहारा विधानसभा सीट से अनिला भेंडिया लगातार दो बार से जीत रहीं हैं. इसके पहले छत्तीसगढ़ गठन के बाद हुए दो चुनावों में यहां बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2003 में जब पहली बार छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव हुए, तो लाल महेंद्र सिंह टेकाम ने बीजेपी के लिए यह सीट जीती थी. वर्ष 2008 के चुनाव में भी बीजेपी ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा. इस बार नीलिमा सिंह टेकाम ने बीजेपी के लिए यह सीट जीती.
2018 में लाल महेंद्र सिंह टेकाम को किया पराजित
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में अनिला भेंडिया ने यह सीट बीजेपी से छीनकर कांग्रेस की झोली में डाल दी. वर्ष 2018 में डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में चल रही बीजेपी सरकार बुरी तरह पराजित हुई. इस साल भी अनिला भेंडिया ने बीजेपी के उम्मीदवार लाल महेंद्र सिंह टेकाम को बड़े अंतर से पराजित कर दिया.
सात और 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ में मतदान
छत्तीसगढ़ में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में चुनाव है. पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 70 सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. छत्तीसगढ़ समेत सभी पांच राज्यों (छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और मध्यप्रदेश) में नवंबर में अलग-अलग तारीख पर वोटिंग होगी. लेकिन तीन दिसंबर को सभी पांच राज्यों की मतगणना एक साथ होगी.