छत्तीसगढ़ के वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित कोंटा विधनसभा सीट से जीतकर वर्ष 2018 में विधानसभा पहुंचे. भूपेश बघेल की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया गया. आदिवासी नेता कवासी लखमा का लंबा राजनीतिक करियर रहा है. विधानसभा की कई समितियों में सदस्य रहे हैं. वर्ष 1998 से वर्ष 2018 तक लगातार पांच बार (1998, 2003, 2008, 2013 और 2018 में) विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 1995-96 में सुकमा ब्लॉक युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बने और अब सरकार में मंत्री हैं.
2002 में कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ दंतेवाड़ा के अध्यक्ष बने
वर्ष 2001 से 2004 तक कवासी लखमा छत्तीसगढ़ विधानसभा की याचिका समिति और प्रत्यायुक्त विधान समिति के सदस्य रहे. वर्ष 2002 से 2004 तक सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति के सदस्य और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के संचालक रहे. वर्ष 2002 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ (दंतेवाड़ा) का अध्यक्ष बनाया गया. इसी साल उनको जगदलपुर के जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
विधानसभा की कई समितियों में रहे सदस्य
छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्ष 2004-05 में सरकारी उपक्रम संबंधी समिति, वर्ष 2005-06 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति, वर्ष 2006-07 में महिला एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति, वर्ष 2007-08 में प्रत्यायुक्त विधान समिति, वर्ष 2008 में कोंटा से तीन बार पीसीसी सदस्य और बाद में पीपीसी उपाध्यक्ष बनाए गए.
आदिवासियों का पलायन रोकने के लिए सक्रिय
वर्ष 2009 से 2011 तक उन्हें गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों समिति समिति का सदस्य बनाया गया. इसी दौरान वह जिला कांग्रेस अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे. इस दौरान आदिवासियों के विकास एवं उनका पलायन रोकने तथा उनके आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक उत्थान के लिए निरंतर काम कर रहे हैं.
विशेषाधिकार समिति के भी रहे सदस्य
वर्ष 2010-11 में उनको छत्तीसगढ़ विधानसभा की नियम समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2012-13 में सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति के सदस्य, वर्ष 2013-14 में प्रश्न एवं संदर्भ समिति, वर्ष 2014-15 मं सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति, वर्ष 2015-16 में नियम समिति, वर्ष 2016-17 में पटल पर रखे गए पत्रों का परीक्षण करने संबंधी समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, वर्ष 2017-18 में विशेषाधिकार समिति और वर्ष 2018-19 में सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति के सदस्य रहे.
कोंटा के विधायक 2018 में बने छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री
वर्ष 2018 में भूपेश बघेल की सरकार बनी और उन्हें वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया. पिछले चुनाव में कोंटा (एसटी) विधानसभा सीट पर कुल 1,64,765 वोटर थे. इनमें से 91,113 ने यानी 55.30 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले. इसमें कवासी लखमा को 35.05 फीसदी वोट मिले. उन्होंने कोंटा (एसटी) सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के धनीराम बारसे को छह हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया.
कवासी लखमा को मिले 31,933 वोट
कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कवासी लखमा को कुल 31,933 वोट मिले, जबकि बीजेपी के धनीराम बारसे को 25,224 (27.68 फीसदी) वोट मिले. सीपीआई के मनीष कुंजाम को 24,549 (26.94 फीसदी) वोट मिले. आदिवासी बहुल इस विधानसभा सीट पर 4,468 यानी 4.90 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना.
कोंटा (एसटी) सीट से लगातार जीत रहे कवासी लखमा
कोंटा (एसटी) विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद से यह सीट कांग्रेस के ही कब्जे में है. अगर कोंटा (एसटी) सीट को कवासी लखमा की सीट कहें, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. वर्ष 2003, वर्ष 2008, वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की है. कोंटा छत्तीसगढ़ की उन विधानसभा सीटों में है, जहां कांग्रेस कभी नहीं हारी.
कवासी लखमा को दो बार मिला सर्वश्रेष्ठ सरपंच का पुरस्कार
सुकमा जिले के नागारास गांव में वर्ष 1953 में कवासी लखमा का जन्म हुआ. उनके पिता का नाम कवासी हड़मा है. कवासी लखमा विवाहित हैं. उनकी पत्नी का नाम कवासी बुधरी है. इनकी चार संतानें (दो पुत्र, दो पुत्री) हैं. कवासी लखमा शैक्षणिक योग्यता में खुद को साक्षर बताते हैं. व्यवसाय कृषि है. खेती-बाड़ी, राजनीतिक, पारंपरिक सामाजिक नृत्य (आदि) में उनकी रुचि है. दो बार सर्वश्रेष्ठ सरपंच का पुरस्कार मिल चुका है.
कांग्रेस नेता लखमा ने तीन देशों की यात्रा की
सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले कवासी लखमा ने सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उनके सामाजिक कार्यों की वजह से ही सुकमा में उनकी अलग पहचान है. कोंटा (एसटी) के विधायक ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर की यात्रा की है. वर्ष 1995 से राजनीति में सक्रिय हैं. कोंटा (एसटी) सीट पर पहले चरण में सात नवंबर को मतदान है. पहले चरण में 20 सीट पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 70 सीट पर 17 नवंबर को मतदान होगा. सभी 90 सीटों पर एक साथ तीन दिसंबर को मतगणना होगी.