छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (17 नवंबर) को 70 सीटों पर दूसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा. इसमें 1.63 करोड़ से अधिक मतदाता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, राज्य के आठ मंत्रियों और चार सांसदों समेत 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान की तैयारी पूरी हो गई है. मतदान दलों को मतदान केंद्रों के लिए रवाना कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 70 सीटों पर 1,63,14,479 मतदाता 827 पुरुषों, 130 महिलाओं और एक तृतीय लिंग के उम्मीदवार समेत कुल 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. उन्होंने बताया कि रायपुर शहर पश्चिम सीट पर सबसे अधिक 26 उम्मीदवार हैं, जबकि डौंडीलोहारा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार मैदान में हैं. दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने 70-70 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने 43 प्रत्याशी उतारे हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से 62, हमर राज पार्टी के 33, बहुजन समाज पार्टी से 43 तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
बिलासपुर संभाग में त्रिकोणीय मुकाबला के आसार
राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो बिलासपुर संभाग की कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. इस संभाग की कुछ सीटों पर जोगी की पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अच्छी-खासी मौजूदगी है. वहीं आम आदमी पार्टी भी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
पुरुष से ज्यादा महिला वोटर
अधिकारियों ने बताया कि राजिम जिले की नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ सीट के नौ मतदान केंद्रों कामरभौदी, आमामोरा, ओढ, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली, में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक ही मतदान होगा. अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक है. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में कुल मतदाताओं में से 81,41,624 पुरुष, 81,72,171 महिलाएं और 684 तीसरे लिंग के मतदाता हैं. दूसरे चरण के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन मतदान केंद्रों में से 700 संगवारी बूथ हैं, जिनका प्रबंधन महिला मतदानकर्मियों द्वारा किया जाएगा.
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ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
दूसरे चरण में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन), राज्य विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती), उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण) और रवींद्र चौबे (साजा) सहित राज्य के आठ मंत्रियों के भाग्य का फैसला शुक्रवार को होगा. वहीं, बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार हैं.
पाटन से चुनाव लड़ रहे भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री बघेल अपनी पारंपरिक पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बीजेपी ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी के सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के पाटन से मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया है. अंबिकापुर में टीएस सिंह देव के खिलाफ बीजेपी ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
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70 में 17 सीटें एसटी के लिए रिजर्व
राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सीटें सामान्य हैं, जबकि 17 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इन 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से 51 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को चार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटों पर जीत मिली थी. बाद में कांग्रेस ने उपचुनाव में एक और सीट जीत ली थी.
पीएम मोदी ने किया बीजेपी के प्रचार अभियान का नेतृत्व
राज्य में इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और दूसरे चरण से पहले उन्होंने चार बड़ी रैलियों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार, विशेष रूप से कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले, लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले और नक्सलवाद को लेकर निशाना साधा. उन्होंने राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया.
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बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए ये आरोप
बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा स्मृति ईरानी ने भी बड़े पैमाने पर प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने सट्टेबाजी ऐप घोटाले, धर्मांतरण और तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर मुख्यमंत्री बघेल पर हमला बोला और सत्ताधारी दल कांग्रेस पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया.
कांग्रेस के ये थे स्टार प्रचारक
इधर, कांग्रेस की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री बघेल ने सत्ताधारी दल के लिए अभियान का नेतृत्व किया. जवाबी हमला करते हुए इन लोगों ने दावा किया कि उनकी पार्टी गरीबों के हित के बारे में सोचती है, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाला केंद्र केवल अमीरों के कल्याण के लिए काम करता है. कांग्रेस ने अपने अभियान को किसानों, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों के लिए बघेल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की तारीफ की. साथ ही तथाकथित ‘उद्योगपति मित्रों’ को संसाधन ‘सौंपने’ के लिए बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला.
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कांग्रेस की वोटर को कर्जमाफी के वादे से लुभाने की कोशिश
कांग्रेस ने कर्जमाफी के वादे के साथ किसानों को लुभाने की कोशिश की. यह वादा पार्टी ने वर्ष 2018 के चुनाव में भी किया था. पार्टी ने सरकार बनने के साथ ही जाति जनगणना का वादा किया है. पार्टी लगातार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को साधने की कोशिश करती रही. राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया.
20 सीटों पर सात नवंबर को हुआ था मतदान
छत्तीसगढ़ में 20 सीटों पर पहले चरण का चुनाव सात नवंबर को हुआ था. इसमें 78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पिछले चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीटें मिलीं थीं. बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई थी. इस चुनाव में जेसीसी (जे) को पांच और बसपा को दो सीटें मिलीं थीं. कांग्रेस की मौजूदा ताकत 71 है. बीजेपी के विधायकों की संख्या 13 रह गई है. बता दें कि राज्य विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कुल 90 में से 75 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वहीं, बीजेपी राज्य में सत्ता में वापसी करना चाहती है. बीजेपी ने यहां 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्ष सरकार चलाई.