Jharkhand News: सरायकेला शैली छऊ नृत्य के लिए मुखौटा तैयार करने वाले कलाकार गुरु सुशांत महापात्र को सरायकेला के आदित्यपुर में आयोजित सार्वजनिक काली पूजा समिति की ओर से सम्मानित किया गया. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने छऊ गुरु सुशांत महापात्र को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. गुरु सुशांत महापात्र को यह सम्मान छऊ नृत्य का मुखौटा तैयार करने के लिए दिया गया. इस दौरान मुख्य रूप से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ दिनेशानंद गोस्वामी, शैलेंद्र सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
गुरु सुशांत महापात्र को विरासत में मिली है कला
सरायकेला के गुरु सुशांत महापात्र की पहचान देश-विदेश में अच्छे छऊ मुखौटा कलाकार के रूप में है. सुशांत महापात्र ने बताया कि वर्ष 1925 में उनके बड़े पिताजी प्रशन्न कुमार महापात्र ने सरायकेला शैली छऊ के लिए पहला आधुनिक मुखौटा तैयार किया था. सुशांत महापात्र ने आठ वर्ष के उम्र में ही अपने बड़े पिताजी (गुरु प्रसन्न महापात्र) से मुखौटा बनाने का गुर सीखा. इसके बाद इस मुखौटा का प्रचलन बढ़ने लगा और अब यही मुखौटा सरायकेला शैली छऊ नृत्य की पहचान बन गयी है. कहा कि गुरु प्रसन्न महापात्र के बाद उनके भतीजे सुशांत कुमार महापात्र ने इस कला को आगे बढ़ाने का कार्य किया. अब तीसरी पीढ़ी में सुशांत कुमार महापात्र के पुत्र सुमित महापात्र भी छऊ मुखौटा तैयार कर रहे हैं. सरायकेला का महापात्र परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी सरायकेला शैली छऊ नृत्य के लिए मुखौटा तैयार कर विरासत में मिली इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं.
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देश-विदेश में लग चुकी है गुरु सुशांत महापात्र के बनाए मुखौटे की प्रदर्शनी
गुरु सुशांत महापात्र द्वारा बनाये गये छऊ मुखौटे की प्रदर्शनी देश-विदेश में लगायी जा चुकी है. उनके द्वारा तैयार किये गये सरायकेला शैली छऊ मुखौटे का प्रदर्शन सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि अमेरिका के न्यूयार्क, बर्लिन, वियाना के अलावा देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित अन्य बडे शहरों में प्रदर्शन किया जा चुका है. गुरु सुशांत महापात्र द्वारा निर्मित मुखौटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेंट की जा चुकी है.
रिपोर्ट : शचींद्र कुमार दाश, सरायकेला खरसावा.