कोडरमा: कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड के जामू पंचायत में एक और नाबालिग लड़की को बालिका वधू बनने से बचा लिया गया है. 15 वर्षीया किशोरी की शादी उसके माता-पिता द्वारा गुरुग्राम (हरियाणा) से आये 39 वर्षीय युवक राजू यादव के साथ कराये जाने की तैयारी चल रही थी. दो मई को शादी होनी थी, लेकिन इसी बीच किसी ने 1098 पर फोन कर बाल विवाह होने की जानकारी चाइल्ड लाइन को दी. इसके बाद डीसी व एसडीओ के निर्देश पर प्रशासन ने बाल विवाह को रोका. शादी करने आये कथित दूल्हा के साथ ही शादी कराने पहुंचे पंडित, नाबालिग के पिता सहित नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार पंडित भी नाबालिग है. उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है, जबकि अन्य आठ आरोपियों को कोडरमा जेल भेज दिया गया है.
बाल विवाह कराने की सूचना पर बीडीओ पप्पू रजक सोमवार की सुबह जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र सिंह, थाना प्रभारी लव कुमार, चाइल्ड लाइन टीम मेंबर सुनीता देवी व पुलिस बल के साथ बाल विवाह रुकवाने नाबालिग लड़की के घर पहुंचे. वहां पहुंचने पर पदाधिकारियों को पता चला कि उक्त शादी बाल व्यापार के उद्देश्य से की जा रही है. यहां शादी करने आये युवक द्वारा अपनी पहचान छुपा कर राजू यादव की जगह राजू साव बन कर शादी किये जाने की बात सामने आयी. वहीं हरियाणा से युवक के साथ आयी महिलाओं की पहचान व भूमिका भी संदिग्ध दिखी. इसके बाद पुलिस शादी करने आये युवक तथा उसके साथ आयी महिलाओं, पंडित तथा नाबालिग व उसके पिता को थाना ले आयी. यहां से नाबालिग को काउंसलिंग के लिए चाइल्ड लाइन सेंटर भेज दिया गया, वहीं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के आवेदन पर मरकच्चो थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी.
पदाधिकारियों ने बताया कि नाबालिग लड़की स्थानीय विद्यालय में आठवीं कक्षा की छात्रा है. वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है. उसके पिता मुंबई में ऑटो चलाते हैं. उक्त विवाह की मध्यस्थता जामू की शेवली देवी ने की थी़. विवाह की आड़ में मानव तस्करी का खेल खेला जा रहा था. इसमें एक पूरा रैकेट सक्रिय है.