21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : खरसावां-कुचाई में बढ़ी ठठेरा पक्षी की चहचहाहट, ठुक-ठुक की आवाज से लोगों को कर रही आकर्षित

खरसावां-कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में इनदिनों बसंता पक्षी की चहचहाहट काफी बढ़ गयी है. ठुक-ठुक की आवाज करने वाली कॉपरस्मिथ बारबेट (ठठेरा पक्षी) की 16 प्रजातियां देश में पायी जाती है.

सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : खरसावां-कुचाई के ग्रामीण से इलाकों से लेकर बाजार क्षेत्रों में इन दिनों ठठेरा पक्षी की चहचहाहट काफी सुनाई देने लगी है. यह पक्षी क्षेत्र के कई जगहों पर भी दिखाई भी दे रही है. ठठेरा पक्षी की सुंदरता भी लोगों को खूब भा रही है. लोग इसे निहार कर काफी खुश हो रहे हैं.

कॉपरस्मिथ बारवेट की देश में 16 प्रजातियां पायी जाती

पक्षियों के विशेषज्ञ और खरसावां के बीएसएमटीसी के वैज्ञानिक (बी) डॉ तिरुपम रेड्डी ने बताया कि इस पक्षी की आवाज टुक-टुक सी आती है. जैसे हथौड़े से तांबे के पात्र पर चोट की जा रही हो. अंग्रेजी में इसे कॉपरस्मिथ बारबेट के नाम से जाना जाता है. डॉ रेड्डी ने बताया कि बसंता पक्षी की 72 प्रजातियां विश्व में पायी जाती है, इनमें से 16 प्रजातियां भारत में पायी जाती है.

पूरे परिदृश्य को बदलती है पक्षी

खरसावां-कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में भी तीन-चार प्रजाति के बसंता पंक्षी देखे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में इन पक्षियों की चहचहाहट बढ़ी है. डॉ रेड्डी ने बताया कि पक्षी विज्ञान को प्रेरित करते हैं. पक्षी कीटों को नियंत्रित करते हैं. पक्षी बीज फैलाने के साथ साथ पोधों को परागण करते हैं. पक्षी पूरे परिदृश्य को बदलते हैं.

Also Read: झारखंड की पंचायतों में जल्द खुलेंगी दवा दुकानें, 543 आवेदन स्वीकृत

पक्षियों को संरक्षित करने की जरूरत

प्रकृति व मानव जीवन में पक्षियों का महत्वपूर्ण स्थान है. पक्षियों को संरक्षित करने की जरूरत है. हर मामले में यह हमारे लिए लाभदायक है. नये प्रजाति के पक्षियों का दिखना यह संदेश देता है कि हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सचेत रहने की आवश्यकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें