गोरखपुर: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद शनिवार देर शाम गोरखपुर पहुंचे गोरक्षपीठाधीश्वर व सीएम योगी आदित्यनाथ का भव्य स्वागत किया गया. ढोल नगाड़ों की थाप पर श्रीराम चित्रांकित केसरिया ध्वजा लहराते, झूमते-नाचते युवा, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे ने सीएम की सवारी पर फूलों की बारिश की. एयरपोर्ट से लेकर मठ तक जगह-जगह मानव श्रृंखला बनाकर खड़े लोगों ने जय श्रीराम, योगी जी को है धन्यवाद का नारा लगाया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी का अभिवादन किया.
पांच दिन की प्रतीक्षा के बाद शनिवार को जैसे ही योगी के कदम गोरखधाम पर पड़े, लोगों ने सत्कार, स्वागत, अभिनंदन में पलक पांवड़े बिछा दिए. एयरपोर्ट से लेकर गोरखनाथ मंदिर तक सीएम योगी के स्वागत में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. मुख्यमंत्री के एयरपोर्ट से निकलते ही इसके बाहर, नन्दा नगर, एम्स के सामने, कूड़ाघाट गुरुंग तिराहा, मोहद्दीपुर स्मार्ट व्हील्स के सामने, नहर रोड, गुरुद्वारा के सामने, मोहद्दीपुर चौराहा, रेल म्यूजियम के सामने, विश्वविद्यालय चौराहा, पुलिस लाइन मोड़, यातायात तिराहा, धर्मशाला बाजार, विश्वकर्मा मंदिर, तरंग क्रासिंग, तरंग-गोरखनाथ ओवरब्रिज रोड, झूलेलाल मंदिर, श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर, गोरखनाथ मंदिर के गेट और मंदिर परिसर में प्रवेश तक हर उम्र के लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर, हाथ व मशीनों से पुष्प वर्षा कर, केसरिया ध्वज लहराकर अपने गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया.
Also Read: CM योगी बोले- UP के 8 जिलों में स्थापित होंगे कम्प्रेस्ड गैस संयंत्र, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कही यह बातस्वागत में फूलों की बारिश तो इतनी हो रही थी कि सुरक्षा कर्मियों को बार-बार सीएम की सवारी को साफ करना पड़ रहा था. स्वागत में खड़े सबकी जुबां पर जय श्रीराम का उद्घोष था तो रामकाज के सुफल परिणाम के लिए धन्यवाद योगी जी का नारा. एयरपोर्ट गेट के सामने, मोहद्दीपुर चौराहा, विश्वविद्यालय चौराहा, यातायात तिराहा, तरंग क्रासिंग, झूलेलाल मंदिर और श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर के सामने लोक कलाकारों ने गायन व नृत्य के बीच लोक परंपरा जीवंत कर मुख्यमंत्री का जोरदार अभिनंदन किया. कई जगहों पर एनसीसी व स्काउट के कैडेट्स ने बैंड की धुन के बीच स्वागत के इस समारोह को नई ऊंचाई दी.
गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह में शंख ध्वनि, वेदपाठी विद्यार्थियों के मंगलाचरण के बीच शीश नवाकर गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया. इसके बाद वह ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर आए और श्रद्धा सुमन अर्पित किए. अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा के समक्ष योगी काफी भावुक हो गए. सीएम योगी ने अयोध्याधाम से धारण किए श्रीराम नाम की पट्टिका गुरु प्रतिमा पर श्रद्धाभाव से समर्पित की.
Also Read: UP Police Constable Bharti: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी कोमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर का दौरा लगता रहा है. लेकिन शनिवार को उनके वहां पहुंचने की बात ही कुछ अलग थी. क्योंकि जिस राम मंदिर को साकार रूप देने के लिए गोरक्षपीठ की केंद्रीय भूमिका रही, वह योगी आदित्यनााथ के नेतृत्व में पूरी हो चुकी है. करीब पांचे सौ सालों की संघर्षमय प्रतीक्षा के बाद अयोध्याधाम में नव्य, भव्य, दिव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. श्रीरामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए आंदोलन को रणनीतिक रूप देना हो, आंदोलन को विश्वव्यापी बनाकर निर्णायक दिशा देनी हो या फिर मंदिर को मूर्त रूप देकर श्रीरामलला के नूतन विग्रह की प्रतिष्ठा, हर विषम-सम स्थिति-परिस्थिति में नेतृत्व गोरक्षपीठ का ही रहा है.
1949 में श्रीरामलला के प्राकट्य की दैवीय घटना के समय ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ, नब्बे के दशक में रामजन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व व मार्गदर्शन ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ का योगदान. सभी की इच्छा श्रीराम मंदिर निर्माण की रही. उनकी इस इच्छा को राम मंदिर आंदोलन की प्रेरणा से सन्यास मार्ग चुनने वाले उनके उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने अपने जीवन का मिशन ही बना लिया. मुख्यमंत्री बनने के बाद और राम मंदिर के लिए सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद अपने गुरु के सपने को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. सीएम योगी की देखरेख में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ. फिर 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला अनुष्ठानपूर्वक इस मंदिर में विराजमान भी हुए. इसके साथ ही गोरक्षपीठ की पीढ़ियों का सपना साकार हो गया.
सीएम के स्वागत में सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, चरगांवा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि रणविजय सिंह, पूर्व प्रमुख ईश्वरचंद जायसवाल, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास आदि शामिल थे.
Also Read: Ayodhya Ram Mandir : 3550 करोड़ की अकूत संपदा के मालिक हैं रामलला, श्रद्धालुओं की संख्या 10 गुना बढ़ी