UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी ने गोरखपुर शहर सीट से प्रत्याशी बनाया है. अभी तक इस सीट से डॉ, राधामोहन दास अग्रवाल चुनाव लड़ते आ रहे हैं. वह वर्तमान विधायक भी हैं. ऐसे में सवाल यह उत्पन्न हो रहा है कि अब डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल का क्या होगा?
बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर शहर सीट के वर्तमान विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल की पटरी नहीं खाती है. वह सीएम योगी से पिछले काफी समय से नाराज चल रहे हैं. अब उनको विधानसभा चुनाव में टिकट मिलेगा या नहीं, इस पर भी संशय के बाद मंडरा रहे हैं.
बता दें, गोरखपुर शहर सीट से डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल 2002 से विधायक हैं. इस बार उनकी जगह बीजेपी ने सीएम योगी को चुनावी मैदान में उतारा है. सन 2002 के विधानसभा चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी उम्मीदवार शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ भारतीय हिंदू महासभा से डॉ. राधमोहन दास अग्रवाल को मैदान में उतारा. नतीजा यह रहा कि शिव प्रताप शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा और डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल विधायक बने. शिव प्रताप शुक्ला इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे. उनकी सीएम योगी से पटरी नहीं खाती थी.
हालांकि पिछले कुछ समय से डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल अपने विवादित बयानों की वजह से बीजेपी आलाकमान के निशाने पर थे. उनके विवादित बयान चर्चा में रहे. इसके अलावा सीएम योगी से भी वे नाराज चल रहे थे. भले ही उन्हें योगी ने ही राजनीति में आगे बढ़ाया हो. कहा जा रहा है कि बीजेपी उन्हें साइडलाइन भी कर सकती है.
गोरखपुर शहर सीट सीएम योगी के लिए सुरक्षित सीट मानी जा रही है. गोरखपुर की सीटों पर बीजेपी का प्रभाव कम हो रहा है. सीएम योगी के यहां से चुनाव लड़ने पर बीजेपी की स्थिति मजबूत होगी. पूर्वांचल में 130 विधानसभा सीटों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा. यहां पर पिछले चुनाव में बीजेपी की स्थिति मजबूत थी, जिसे वह बरकरार रखना चाहेगी. इस बार के चुनाव में बीजेपी को इन सीटों पर नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
Posted By; Achyut Kumar