15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद में गर्मी की मार से बीमार पड़ रहे कोलकर्मी, हो रहीं मौतें

गर्मी की मार से कोयलाकर्मी बीमार पड़ रहे हैं. कुछ मामलों में उनकी मौत तक हो जाती है. कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के माइंस ऑनर्स, एजेंट व मैनेजरों को पत्र लिख कर माइनिंग क्षेत्र में ‘हीट स्ट्रोक’ से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने काे कहा है.

धनबाद, मनोहर कुमार : उच्च तापमान (हाई टेंपरेचर) में काम करने से कोयला कर्मी बीमार पड़ रहे हैं. कुछ मामलों में उनकी मौत तक हो जाती है. खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. डीजीएमएस के डीजी प्रभात कुमार ने कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के माइंस ऑनर्स, एजेंट व मैनेजरों को पत्र लिख कर माइनिंग क्षेत्र में ‘हीट स्ट्रोक’ से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने काे कहा है. डीजी ने कहा है कि हर साल अत्यधिक गर्मी के दौरान उच्च वायुमंडलीय तापमान के संपर्क में आने के कारण कोलकर्मियों के बीमार होने के मामले सामने आते हैं. ऐसे कुछ मामले मौत तक में बदल जाते हैं.

गर्मियों के दौरान खुली खदानें सबसे अधिक असुरक्षित होती हैं. कुछ मामलों में भूमिगत खानों में गर्मी के कारण भी कर्मी प्रभावित होते हैं. ज्यादातर अपर्याप्त वेंटिलेशन के कारण. एक सर्वे के दौरान कर्मियों से पूछताछ में सामने आया कि ज्यादातर मामलों में ‘हीट स्ट्रोक’ प्रमुख सहायक कारण था. इसलिए खान प्रबंधन सभी फील्ड अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और कामगारों को उच्च वायुमंडलीय तापमान के संपर्क में आने के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में शिक्षित करें, ताकि आवश्यक सावधानी बरती जा सके और बिना देरी किये उचित प्राथमिक उपचार हो.

जानें कैसी-कैसी बीमारियां व लक्षण

डीजी प्रभात कुमार ने कहा है कि उच्च तापमान वाले वातावरण में काम करने से कई अन्य तरह की बीमारियां भी होती हैं, जो गर्मी से होने वाली परेशािनयों से भिन्न होती हैं. जैसे चकते से लेकर तनाव तक. लक्षणों में भ्रम, मतिभ्रम, धड़कन, सिरदर्द और चेतना की हानि, आक्षेप, अस्पष्ट भाषण शामिल हैं. ये बीमारियां हताशा, क्रोध और अन्य भावनाओं के रूप में भी प्रकट होती हैं. इसलिए खान प्रबंधन इस स्थिति से निबटने के लिए उपयुक्त उपाय करें और खानों में काम करने वाले कर्मियों को उच्च वायुमंडल के संपर्क में आने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठायें, ताकि उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.

बचने के उपाय भी सुझाए

गर्म परिस्थितियों में पहने जाने वाले कपड़े सूती के होने चाहिए, जो बहुत तंग नहीं हो. दूसरी ओर, ढीले कपड़े पहनने वाले को मशीनरी के चलने वाले पुर्जों में पकड़े जाने या खींचने का जोखिम होता है. उच्च-दृश्यता वाले कपड़े हवा को नहीं घुसने देते हैं, इसलिए जितना संभव हो, ढीला पहना जाना चाहिए. खदान बचाव कार्यों के दौरान सुरक्षात्मक उपकरण और स्व-निहित श्वांस उपकरण लगातार दो घंटे से अधिक समय तक इस्तेमाल नहीं होने चाहिए.

Also Read: धनबाद : गैंगस्टर फहीम के बेटे इकबाल और ढोलू को गोली मारने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें