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सदर अस्पताल कोडरमा का हाल, लाखों की लागत से लगा सोलर पावर प्लांट आज बेकार

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए और सदर अस्पताल को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए लाखों की लागत से सोलर पावर प्लांट लगाया तो गया, परंतु रख रखाव के अभाव के कारण आज यह सोलर प्लांट शोभा की वस्तु बन कर रह गया है.

  • सदर अस्पताल कोडरमा का हाल, बैट्री खराब हो जाने के बाद से बंद पड़ा है रूफ टॉप सोलर पैनल

गौतम राणा, कोडरमा बाजार : स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए और सदर अस्पताल को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए लाखों की लागत से सोलर पावर प्लांट लगाया तो गया, परंतु रख रखाव के अभाव के कारण आज यह सोलर प्लांट शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. बताया जाता है कि बैट्री खराब हो जाने से सोलर सिस्टम गत मार्च माह से बंद है. ऐसे में सदर अस्पताल में एक बार फिर से बिजली को लेकर विद्युत विभाग के सप्लाई पर निर्भरता पूरी तरह शुरू हो गई है. जानकार बताते हैं कि सोलर पावर प्लांट पूरी तरह चालू रहता तो सदर अस्पताल में विद्युत विभाग से बिजली सप्लाई लेने की जरूरत ही नहीं होती. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सिर्फ यह कभी कभार जरूरी होता, लेकिन इस उद्देश्य पर आज पूरी तरह पानी फिर गया है. बताते चलें कि वर्ष 2016 में जब सदर अस्पताल नए भवन में शिफ्ट हुआ था तो बिजली की निर्भरता खत्म करने के लिए तत्कालीन सिविल सर्जन के द्वारा नए भवन में लाखों की लागत से 80 किलोवाट का रूफ टॉप सोलर पैनल स्थापित किया गया था. इसमें करीब 270 सोलर पैनल हैं, पर आज इनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा है़ ये सदर अस्पताल भवन के छत की शोभा बढ़ा रहे हैं.

चालू रहने से ये हो रहा था फायदा

सोलर सिस्टम से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था होने से अस्पताल के सभी वार्डों में जीरो कट बिजली की आपूर्ति सुगम हो गई थी. इससे एक ओर जहां भर्ती मरीजों के अलावा अस्पताल के ओटी, सिजेरियन, आईसीयू, इमरजेंसी समेत सभी महत्वपूर्ण वार्डों में काफी सहूलियत हो गई थी, वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन को भी बिजली बिल से काफी राहत मिलने लगा था. अस्पताल में लगाए गया सोलर सिस्टम करीब छह सालों तक चला और बैट्री खराब हो जाने के बाद से बंद पड़ा हुआ है. हालांकि, अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जेनरेटर उपलब्ध है. बिजली कट हो जाने पर जेनरेटर की सहायता ली जा रही है़ इससे विभाग को प्रतिदिन डीजल की व्यवस्था करना पड़ रहा है.

बैट्री क्रय करने को लेकर चल रही है प्रक्रिया : सीएस

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने बताया कि बैट्री खराब हो जाने के कारण सोलर सिस्टम बंद है. उन्होंने बताया कि बैट्री क्रय करने में करीब 30 से 35 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. आयुष्मान भारत योजना में उपलब्ध राशि से बैट्री क्रय करने के लिए उपायुक्त के समक्ष फ़ाइल भेजा गया है़ उपायुक्त से अनुमोदन होते ही जल्द से जल्द बैट्री क्रय कर पुनः सोलर सिस्टम चालू किया जाएगा.

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