रांची : चालू वित्तीय वर्ष (2020-2021) के बजट आकार में 2756.96 करोड़ रुपये की कटौती की आशंका जतायी जा रही है. सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्ति के लिए किये गये ताजा अनुमान के मद्देनजर इस बात की आशंका जतायी जा रही है. राजस्व में कमी की वजह से सरकार ने पिछले वित्तीय (2019-20) वर्ष के बजट में भी भारी कटौती की थी. पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार को 85,429 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले सिर्फ 58,688.98 करोड़ रुपये का ही राजस्व मिला था.
सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अपने विभिन्न स्रोतों के कुल 86,370 करोड़ रुपये की आमदनी होनेे का अनुमान किया था. इसी के अनुरूप इतनी ही राशि के खर्च का बजट पारित किया था. हालांकि अब 86,370 करोड़ के बदले 83,613.05 करोड़ की आमदनी का अनुमान है, जो लक्ष्य से करीब तीन हजार करोड़ कम है. सरकार ने आर्थिक कारणों से ही कर्ज के लक्ष्य में कटौती की है.
महालेखाकार के आंकड़ों के अनुसार, सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में मई तक सभी स्रोतों से कुल 7,058.92 करोड़ रुपये की ही आमदनी हो सकी है. यह आमदनी के नये लक्ष्य का 8.44 प्रतिशत है. कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों और पिछले वित्तीय वर्ष लक्ष्य के मुकाबले आमदनी में हुई भारी गिरावट को देखते हुए इस वित्तीय वर्ष के अंत में बजट आकार और ज्यादा कम करने की आशंका जतायी जी रही है. इसी वजह से ट्रेजरी के निकासी पर अभी आंशिक प्रतिबंध जारी है.
सरकार ने 2019-20 के लिए 85,429 करोड़ रुपये का बजट पारित किया था. 2019-20 के लिए महालेखाकार द्वारा जारी प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंत में अपनी आमदनी का लक्ष्य 85,429 करोड़ रुपये से घटा कर 81,268.44 करोड़ रुपये कर दिया था. हालांकि प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, सरकार को इस घटे हुए लक्ष्य के मुकाबले 58,688.98 करोड़ रुपये की ही आमदनी हो सकी थी. यह सरकार के संशोधित लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 72.22 प्रतिशत था.
राजस्व में कमी की वजह से सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के बजट में भी की थी भारी कटौती
राज्य सरकार ने आर्थिक कारणों से कर्ज के लक्ष्य में भी की है कटौती
राजस्व का बजट व ताजा अनुमान (करोड़ में)
मद बजट अनुमान ताजा अनुमान
कर राजस्व 47,649.41 47,649.41
गैर कर राजस्व 27659.34 27659.34
कम कर्ज लेने का फैसला : चालू वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार की कुल आमदनी में 11000 करोड़ रुपये कर्ज के सहारे जुटायी जानेवाली राशि भी शामिल थी. राज्य पर करीब 86 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ हो जाने की वजह से सरकार ने कम कर्ज लेने का निर्णय लिया है. सरकार ने राजस्व से जुड़े ताजा अनुमान में कर राजस्व और गैर राजस्व मद से होनेवाली अनुमानित आमदनी में किसी तरह की कमी की आशंका नहीं जतायी है.
Post by : Pritish Sahay