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Coronavirus : आठ दिनों से पहचान छिपा कर अस्पताल में करा रहा था इलाज, निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की सूचना से मचा हड़कंप

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल एक व्यक्ति अपनी पहचान छिपाते हुए पिछले 31 मार्च से सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था. मरीज ने मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल के चिकित्सक को जब बताया कि वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की जमात में शामिल होकर लौटा है, तो पूरे स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. सदर अस्पताल के चिकित्सक और नर्स व कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे. दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने का पता चलते ही पीड़ित व्यक्ति को कटिहार मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में मंगलवार को भर्ती कराया गया.

कटिहार : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल एक व्यक्ति अपनी पहचान छिपाते हुए पिछले 31 मार्च से सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था. मरीज ने मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल के चिकित्सक को जब बताया कि वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की जमात में शामिल होकर लौटा है, तो पूरे स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. सदर अस्पताल के चिकित्सक और नर्स व कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे. दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने का पता चलते ही पीड़ित व्यक्ति को कटिहार मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में मंगलवार को भर्ती कराया गया.

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क्या है मामला?

घटना के संबंध में बताया जाता है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के जमात में शामिल एक व्यक्ति 31 मार्च को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती हुआ था. उन्होंने अपना घर प्राणपुर बताया है. 31 मार्च से ही उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा था. मंगलवार को हालत बिगड़ने के बाद उसने बताया कि वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के जमात में शामिल हुआ था. यह बात सुनते ही स्वास्थ्य अधिकारी तुरंत एक्शन में आ गये. पीड़ित व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया. साथ ही उसके ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है. मामले में सदर अस्पताल के चिकित्सक और नर्स व कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं. क्योंकि, पीड़ित व्यक्ति ने मरकज से लौटने की बात सबसे छिपायी है. जबकि, इस जमात में शामिल कई लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आयी है.

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अस्पताल के मरीजों को छुट्टी देने पर लगी रोक

मरकज में शामिल होने की बात छिपा कर सदर अस्पताल में व्यक्ति अपना इलाज करा रहा था. सभी को अब उसके रिपोर्ट आने का इंतजार है. मरीज को सदर अस्पताल के पुरुष कक्ष में रखा गया था. उस वार्ड में भर्ती सभी मरीजों को व्यक्ति की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अब छुट्टी मिलेगी. वहीं, मंगलवार को कुछ मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी. लेकिन, जब इस बात का पता चला कि 31 मार्च को भर्ती मरीज जमात से लौटा है, तो सभी मरीजों को छुट्टी देने से मना कर दिया गया है.

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डॉक्टर, नर्स, कर्मी समेत अन्य मरीजों और उनके परिजनों में दहशत

दिल्ली के मरकज में शामिल होकर अपने घर प्राणपुर लौटा पीड़ित मरीज अपनी जानकारी छिपा कर सदर अस्पताल में इलाज के लिए 31 मार्च को भरती हुआ था. इस दौरान करीब आठ दिनों तक सदर अस्पताल में रहा. मंगलवार को ज्यादा तबीयत बिगड़ी, तो उसने चिकित्सक से दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की बात बतायी. इसके बाद अस्पताल के चिकित्सक, नर्स सहित स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, वार्ड में भरती अन्य मरीजों में हड़कंप मच गया.

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रिपोर्ट पॉजेटिव नहीं आने की प्रार्थना कर रहे सभी लोग

अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों समेत सभी कर्मी अब भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि पीड़ित व्यक्ति की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्मेंट पॉजेटिव नहीं आये. आशंका जतायी जा रही है कि यदि जमात से लौटे व्यक्ति की रिपोर्ट यदि कोरोना वायरस पॉजिटिव निकला, तो पूरे अस्पताल के कर्मी संक्रमण के घेरे में आ जायेंगे. इतना ही नहीं, पीड़ित व्यक्ति को जिस वार्ड में रखा था. उस वार्ड के तमाम मरीज भी शक के घेरे में आ जायेंगे. वहीं, मरीज से मिलने आनेवाले परिजनों की भी पहचान करनी होगी. आठ दिनों में इलाज के लिए भरती रहने के दौरान कई मरीजों से मिल कर बात की. स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सक भी इलाज किये हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी?

पीड़ित व्यक्ति जमात से लौटा है. इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. व्यक्ति से बात करने पर जमात से लौटने की इस तरह की बात सामने नहीं आयी है. व्यक्ति में किसी प्रकार का कोई लक्षण भी नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज आइसोलेशन में भरती करा दिया गया है.

डॉ एपी साही, सिविल सर्जन, कटिहार

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