उत्तर रेलवे (एनआर) की लालगढ़ वाया बरेली न्यू तिनसुकिया 15910 अवध असम (गुवाहाटी) एक्सप्रेस में सवार यात्री को बेहोश कर नकदी और मोबाइल चोरी करने के दोषी को एडीजे तबरेज अहमद ने शुक्रवार को 7 साल के कैद की सजा सुनाई है. आरोपी ने 9 वर्ष पहले बरेली जंक्शन पर नई दिल्ली से बिहार की हाजीपुर रेलवे स्टेशन तक रिजर्वेशन टिकट पर सफर करने वाले रामेश्वर राव के मुंह में नशीला पाउडर डालकर बेहोश किया. इसके बाद बेहोशी की हालत में जेब से 40 हजार रूपये की नकदी और मोबाइल चोरी कर फरार हो गया. पीड़ित यात्री ने गोरखपुर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी. उनका कहना था कि 16 सितंबर, 2014 को दिल्ली से हाजीपुर तक का सफर कर रहा था. इसी दौरान दिल्ली के पास एक व्यक्ति अचानक सीट पर आकर बैठ गया. उसकी आयु करीब 45 वर्ष, रंग सांवला और लंबाई औसत थी. वह काला सफेद लाइनर शर्ट और पेंट पहना था. आरोपी ने लखनऊ तक जाने की बात कही. आरोपी ने रास्ते में पूड़ी सब्जी खरीदी. वह खाने को कहने लगा. उसने मना कर दिया. वह अपनी सीट पर लेट गया. बरेली जंक्शन के पास नींद आने लगी.
इसी दौरान आरोपी ने मुंह में कुछ पाउडर जैसा पदार्थ डाल दिया. इस पर नाराजगी जताकर आरोपी को सीट से भगा दिया. लेकिन, वह कुछ देर में ही बेहोश हो गए. उनकी आंख खुली तो वह अस्पताल में थे. उनकी जेब में रखे 40 हजार रूपये और मोबाइल नहीं था. मोबाइल नंबर 8136573740 को कई बार मिलाया लेकिन वह बंद हो गया था. जिसके चलते गोरखपुर जीआरपी में आरोपी के खिलाफ अपराध संख्या 329/2014 के तहत धारा 328 और 979 में एफआईआर दर्ज कराई. बेहोश कर चोरी का घटना स्थल बरेली जंक्शन था. इसलिए एफआईआर जांच के लिए बरेली जंक्शन जीआरपी थाने में आ गई. इस मामले की जीआरपी इंस्पेक्टर चंद्रशेखर गुप्ता, सब इंस्पेक्टर उमेश सोलंकी, पूर्व सीओ एवं मुरादाबाद के जीआरपी थाने के इंस्पेक्टर आयूव हसन आदि ने जांच की. जांच के बाद रामपुर के भावखेड़ा थाना क्षेत्र के भूल आनंद गांव निवासी राजू मसीह को जेल भेजा था.
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बरेली जंक्शन रेलवे कोर्ट से मुकदमा सुनवाई को अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे) तबरेज अहमद की कोर्ट 10 में आ गया. एडीजे तबरेज अहमद ने पीड़ित, आरोपी, विवेचक, गवाह और दोनों के अधिवक्ता को सुना. इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर राजू मसीह को दोषी मानते हुए धारा 328 में 7 वर्ष की कैद और 5000 का जुर्माना लगाया. इसके साथ ही धारा 379 भारतीय दंड संहिता के दंडनीय अपराध में आरोपी को 2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा. यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी.
इस मामले में राज्य सरकार के सरकारी वकील सचिन जायसवाल और आरोपी के वकील अजय कुमार तिवारी ने अपने-अपने साक्ष्य पेश किए. आरोपी के वकील का कहना था कि गवाह पीड़ित रामेश्वर राम, महेश राम, विनोद राम विश्वसनीय नहीं हैं. आरोपी की शिनाख्त परेड भी नहीं कराई गई. उन्होंने विवेचना को लेकर संतुष्टि जाहिर नहीं की. मगर, सरकारी वकील और पुलिस कर्मियों के बयान के बाद आरोपी राजू मसीह को एडीजे तबरेज अहमद ने सजा सुनाई.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली